EPFO - देश के 7 करोड़ पीएफ खाताधारकों के लिए अहम खबर! कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश घटाकर कॉर्पोरेट बॉन्ड में अधिक निवेश करने की योजना बना रहा है, जिससे कर्मचारियों की बचत प्रभावित हो सकती है। इस बदलाव से जुड़ी पूरी जानकारी के लिए खबर को अंत तक पढ़ें।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के निवेश में बड़े बदलाव की संभावना है। श्रम और रोजगार मंत्रालय वित्त मंत्रालय से अनुमति लेगा कि EPFO का डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश 20% से घटाकर 10% कर दिया जाए। इस बदलाव का मुख्य कारण पब्लिक सेक्टर बॉन्ड्स की कम उपलब्धता और कम रिटर्न है।
इससे EPFO को अधिक रिटर्न देने वाले कॉर्पोरेट बॉंड्स में निवेश बढ़ाने का अवसर मिलेगा, हालांकि इनमें जोखिम भी अपेक्षाकृत अधिक होता है। यह बदलाव EPFO के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन सावधानीपूर्वक निर्णय लेना जरूरी होगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रस्ताव नवंबर 2024 में EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में मंजूर किया गया था। CBT, EPFO का शीर्ष निर्णय लेने वाला निकाय है, जो इसके कामकाज की निगरानी करता है। इसमें नियोक्ता, कर्मचारी और सरकार के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। यदि इस बदलाव को लागू किया जाता है, तो इससे 7 करोड़ से अधिक EPFO सदस्यों की रिटायरमेंट सेविंग्स पर असर पड़ सकता है। आइए समझते हैं कि यह कैसे प्रभावित करेगा।
यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
EPFO का कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश बढ़ाने का फैसला महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये सार्वजनिक क्षेत्र के बॉन्ड की तुलना में बेहतर रिटर्न प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, इसमें जोखिम भी अधिक होता है, जैसे कंपनी की वित्तीय स्थिरता और बाजार की अस्थिरता। जबकि यह निर्णय निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है, संतुलित और सावधान निवेश रणनीति अपनाना आवश्यक है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बॉन्ड की तुलना में कॉर्पोरेट बॉन्ड अधिक जोखिमपूर्ण होते हैं, क्योंकि इन्हें जारी करने वाली कंपनियों के दिवालिया होने का खतरा रहता है। यदि कोई कंपनी दिवालिया हो जाती है, तो उसमें निवेश करने वाले निवेशकों को अपना पैसा वापस मिलने की संभावना कम हो जाती है।
हालांकि, इस जोखिम को कम किया जा सकता है। यदि आर्थिक रूप से मजबूत और विश्वसनीय कंपनियों के कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश किया जाए, तो दिवालियापन का खतरा काफी घट जाता है। निश्चित रूप से, इस फैसले से निवेश पोर्टफोलियो में विविधता आएगी और संभावित रिटर्न में सुधार हो सकता है।
यह फैसला क्यों लिया गया?
EPFO कर्मचारियों की रिटायरमेंट सेविंग्स का प्रबंधन करता है और फिलहाल सरकारी कंपनियों (PSUs) द्वारा जारी बॉन्ड में निवेश करता है। हालांकि, इन बॉन्ड्स से कम रिटर्न मिल रहा है और इनकी पर्याप्त उपलब्धता भी सालभर बनी नहीं रहती। इसी कारण EPFO अब कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में अधिक निवेश करने की योजना बना रहा है। कॉर्पोरेट बॉन्ड निजी कंपनियों द्वारा जारी किए जाते हैं और सरकारी बॉन्ड की तुलना में ज्यादा रिटर्न प्रदान करते हैं, लेकिन इनमें जोखिम भी अधिक होता है।
इस प्रस्ताव को कब मिली मंजूरी?
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीटी ने इस प्रस्ताव को नवंबर 2024 की बैठक में मंजूरी दी थी। श्रम मंत्री, जो सीबीटी के अध्यक्ष भी हैं, की औपचारिक स्वीकृति के बाद श्रम मंत्रालय इस हफ्ते वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव भेजेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि PSU बॉन्ड की सीमित उपलब्धता और कम रिटर्न के कारण EPFO के पोर्टफोलियो मैनेजर्स को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, स्टेट डेवलपमेंट लोन की तुलना में PSU बॉन्ड का रिटर्न भी कम है, जिससे निवेश रणनीति में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है।
कर्मचारियों को कैसे हो सकता है फायदा?
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, EPFO को उन कंपनियों की वित्तीय स्थिति की सावधानीपूर्वक और निरंतर निगरानी करनी होगी, जिनमें वह निवेश करेगा। इस बदलाव से EPFO को बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना है, लेकिन कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश के साथ जोखिम भी बना रहेगा।
इसलिए, EPFO को सावधानीपूर्वक और रणनीतिक रूप से निवेश करना होगा। इस फैसले का शेयर बाजार पर भी असर पड़ सकता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है या नहीं। यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है, तो यह EPFO की निवेश रणनीति में एक बड़ा बदलाव होगा, जो करोड़ों सदस्यों के भविष्य को सीधे प्रभावित कर सकता है।