Khadhay Surksha Yojana 2025: राजस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रहे 'गिव अप' अभियान के तहत अब तक लगभग 9 लाख लोगों ने खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम हटा लिया है, जिसके बाद इन लोगों को मुफ्त राशन नहीं मिलेगा। सरकार ने इस अभियान के माध्यम से लोगों को 28 फरवरी 2025 तक स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना से अपना नाम हटाने की चेतावनी दी है, ताकि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे जरूरतमंदों को इस योजना का लाभ मिल सके।
अगर कोई परिवार खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अपात्र होने के बावजूद मुफ्त राशन ले रहा है, तो सरकार 27 रुपए प्रति किलो के हिसाब से राशन की वसूली करेगी। यह चेतावनी गंभीर है, इसे हल्के में न लें और जल्द से जल्द अपात्र होने की स्थिति में अपना नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटवा लें।
रसद विभाग ने सक्षम परिवारों को मुफ्त राशन लेने को लेकर आखिरी चेतावनी जारी कर दी है। इन परिवारों को 28 फरवरी तक 'गिव अप' अभियान के तहत मुफ्त राशन छोड़ना होगा। यदि 28 फरवरी तक उन्होंने अपना आवेदन रसद विभाग में नहीं दिया, तो ऐसे परिवारों को चिन्हित कर 27 रुपए प्रति किलो के हिसाब से गेहूं की वसूली की जाएगी।
विभागीय जानकारी के अनुसार, ऐसे सक्षम परिवार जिनके पास कार है, जो इनकम टैक्स भरते हैं या सरकारी कर्मचारी हैं और वे मुफ्त राशन ले रहे हैं, यदि 28 फरवरी तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से मिलने वाला गेहूं त्याग नहीं करते, तो रसद विभाग उनसे 27 रुपए प्रति किलो के हिसाब से वसूली करेगा।
अगर वसूली नहीं होती है, तो कार्रवाई के रूप में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। गिव-अप योजना के तहत शुरू की गई इस कार्रवाई के दौरान अब तक सैकड़ों परिवारों ने अपना नाम वापस लिया है, जिससे सरकार को लगभग 5 लाख रुपए की बचत हुई है। अगर इन परिवारों से वसूली नहीं होती, तो आगामी कार्रवाई के तहत इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
राज्य सरकार ने हाल ही में आदेश जारी कर ऐसे लोगों को निर्देश दिया है कि या तो वे स्वयं ही मुफ्त राशन लेना छोड़ दें, या फिर राशन शॉप पर जाकर फार्म भरकर अपना नाम दर्ज करवा लें।
अपात्र लोगों की पहचान इस प्रकार करें:
विभाग ने अपात्रता की पहचान के लिए कुछ मानदंड तय किए हैं। इसके तहत जिन परिवारों के पास चारपहिया वाहन और बड़ा मकान है, जो लघु कृषक सीमा से अधिक कृषि भूमि के मालिक हैं, जिनके परिवार का कोई सदस्य आयकर भरता है या सरकारी नौकरी में है, और जिनकी कुल वार्षिक आय एक लाख रुपए से अधिक है, उन्हें अपात्र माना जाएगा।
उन्हें कानूनी रूप से अपात्र माना गया है। अपात्र परिवार राशन डीलर से आवेदन पत्र प्राप्त कर उसे भरकर जमा कर सकते हैं। इन परिवारों को 28 फरवरी तक अपनी इच्छा से योजना का लाभ छोड़ने का अवसर दिया गया है। इसके बाद, यदि किसी अपात्र परिवार की पहचान की जाती है, तो उनसे वसूली की जाएगी।
विभागीय आदेश के तहत रसद विभाग राशन की दुकानों पर नोटिस भी लगा रहा है और फार्म भी भेज रहा है। वर्तमान में परिषद क्षेत्र की 162 राशन दुकानों से करीब 75 हजार परिवार के सदस्य योजना का लाभ उठा रहे हैं। ज्ञात हो कि प्रति सदस्य को करीब 5 किलो गेहूं दिया जाता था। अब, योजना में अपात्र लोग रसद विभाग में मुफ्त गेहूं का त्याग करने के लिए रोज आवेदन करने के लिए पहुंच रहे हैं।