Cheque Bounce Rules: चेक एक वित्तीय साधन है जिसका उपयोग भुगतान के लिए किया जाता है। यह एक लिखित आदेश होता है, जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति या संस्था के बैंक खाते से धन निकाला जा सकता है। चेक एक सुरक्षित और प्रमुख वित्तीय उपकरण है, जिसका उपयोग नकद भुगतान के लिए किया जा सकता है। इसका उपयोग करने के लिए एक बैंक खाता आवश्यक है, और चेक जमा करने तथा उसे बैंक से निकालने में कुछ समय लगता है।
हालांकि एक बात जो बहुत लोग नहीं जानते, वह यह है कि अगर चेक बाउंस यानी खारिज हो जाता है, तो व्यक्ति को पेनल्टी का सामना भी करना पड़ सकता है और इसका असर उनकी सिबिल हिस्ट्री (CIBIL history) पर भी पड़ सकता है। कुछ गंभीर मामलों में तो सजा तक का प्रावधान है। यहां जानिए, चेक बाउंस होने पर कितनी पेनल्टी लग सकती है।
चेक बाउंस होना क्या है?
जब कोई व्यक्ति चेक को बैंक में भुगतान के लिए प्रस्तुत करता है और अकाउंट में पैसे न होने या किसी अन्य कारण से वह रिजेक्ट हो जाता है, तो इसे चेक बाउंस होना कहते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे मुख्य कारण खाते में पर्याप्त राशि का न होना होता है। इसके अलावा, चेक पर साइन में कोई अंतर होने पर भी चेक बाउंस हो सकता है।
जानिए, पेनल्टी कितनी होती है!
चेक बाउंस होने पर पेनल्टी के रूप में खाते से राशि काट ली जाती है। चेक बाउंस होने पर आपको देनदार को इसकी सूचना देनी होती है, और उसे एक महीने के भीतर भुगतान करना जरूरी होता है। अगर एक महीने के अंदर भुगतान नहीं किया जाता, तो उसे लीगल नोटिस भेजा जा सकता है। इसके बाद भी यदि वह 15 दिन तक कोई जवाब नहीं देता, तो उसके खिलाफ Negotiable Instrument Act 1881 के सेक्शन 138 के तहत मामला दायर किया जा सकता है।
चेक बाउंस होने पर कानून में दो साल तक की सजा का प्रावधान है!
चेक बाउंस करना एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए कड़ी सजा हो सकती है। चेक बाउंस के मामलों में धारा 138 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है और दो साल की सजा या जुर्माना हो सकता है। इसके अतिरिक्त, चेक बाउंस करने वाले को ब्याज और राशि का भुगतान भी करना पड़ सकता है। इसलिए, यदि आपके पास कोई चेक है, तो उसे सही तरीके से पारित करें ताकि आप सजा और जुर्माना से बच सकें।
ICICI बैंक में चेक बाउंस होने पर पेनल्टी कितनी होती है?
जब किसी ग्राहक द्वारा जारी चेक की 350 रुपये की राशि लौटाई जाती है, तो 750 रुपये पर्याप्त नहीं होंगे। यदि किसी माह में ग्राहक कारणों से दो बार चेक देता है, तो उसे 50 रुपये अतिरिक्त देना होगा। इसके अलावा, यदि चेक वैरिफिकेशन (cheque verification) के अलावा किसी अन्य कारण से लौटाया जाता है, तो 50 रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। ऐसी स्थिति में ग्राहक को 50 रुपये से अधिक का भुगतान करना होगा।