Buy Real Gold: भारत में सोने की खरीदारी एक पुरानी परंपरा है, खासकर धनतेरस जैसे खास अवसरों पर इसकी मांग बढ़ जाती है। हालांकि, बढ़ती धोखाधड़ी के चलते यह जानना महत्वपूर्ण है कि खरीदा गया सोना असली है या नकली। असली सोने की पहचान के लिए कई तरीके हैं, जिनमें सबसे प्रभावी हॉलमार्किंग है।
हॉलमार्किंग
हॉलमार्किंग एक मानक प्रमाणपत्र है जो सोने की शुद्धता की पुष्टि करती है। जून 2021 से, भारत में सोने की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। जब भी आप सोना खरीदें, हॉलमार्किंग की जांच अवश्य करें। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का त्रिकोणीय निशान और सोने की शुद्धता इसके प्रमुख संकेत हैं।
हॉलमार्क की जांच कैसे करें
सही हॉलमार्किंग की पहचान के लिए ज्वैलरी पर BIS का त्रिकोणीय निशान देखना महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, हॉलमार्क में सोने की शुद्धता का प्रतिशत भी अंकित होता है। जब भी आप सोने के गहने खरीदें, हॉलमार्किंग की जांच अवश्य करें।
असली हॉलमार्किंग में BIS का त्रिकोणीय चिन्ह होता है, जिसमें सोने की शुद्धता का विवरण भी दिया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि हॉलमार्क 375 है, तो इसका मतलब है कि यह 37.5% शुद्ध है। इसी तरह, 585 का हॉलमार्क 58.5% शुद्धता को दर्शाता है।
- हॉलमार्क चिन्ह: शुद्धता
- 375 हॉलमार्क: 37.5% शुद्धता
- 585 हॉलमार्क: 58.5% शुद्धता
- 750 हॉलमार्क: 75% शुद्धता
- 916 हॉलमार्क: 91.6% शुद्धता
- 990 हॉलमार्क: 99.0% शुद्धता
- 999 हॉलमार्क: 99.9% शुद्धता
कैरेट की पहचान
सोने की शुद्धता का एक और प्रमुख मानक कैरेट है। 24 कैरेट सोना (99.9% शुद्ध) सबसे शुद्ध माना जाता है, जबकि 22 कैरेट सोना (91.6% शुद्ध) आमतौर पर आभूषण बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है, जिसमें अन्य धातुओं का मिश्रण होता है।
इन सरल तरीकों से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी खरीदी गई ज्वैलरी असली है या नकली। धनतेरस पर खरीदारी करते समय इन बिंदुओं का ध्यान रखें और धोखाधड़ी से बचें।