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क्या आप जानते हैं कि एक साल या महीने में बैंक स्टेटमेंट कितनी बार चेक करना चाहिए? यह क्यों जरूरी है?

बैंक में खाता होना पहले एक लग्जरी माना जाता था, लेकिन अब यह हर व्यक्ति की जरूरत बन चुका है। पासबुक को अपडेट करने का काम अब बैंक स्टेटमेंट या बैलेंस चेक करने में बदल गया है। एक निश्चित अवधि में बैंक खाता से होने वाले लेन-देन का रिकॉर्ड वित्तीय भाषा में बैंक स्टेटमेंट कहा जाता है। हालांकि, कई खाते के धारकों को यह नहीं पता होता कि उन्हें कितनी बार अपने बैंक स्टेटमेंट की जांच करनी चाहिए, और ऐसा करना क्यों आवश्यक है। चलिए, हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं...

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बैंक स्टेटमेंट क्या है? इसे कब और क्यों उपयोग करना जरूरी है?

बैंक अकाउंट में हुई सभी लेनदेन की जानकारी देने वाला बैंक स्टेटमेंट आमतौर पर लोग हर महीने चेक करते हैं। इसमें लेनदेन की संक्षिप्त जानकारी, जैसे डिपॉजिट, चार्ज, विदड्रॉल और किसी अवधि के पहले और आखिरी दिन का बैलेंस शामिल होता है, जिससे हम अपनी आमदनी या जमा रकम के खर्च पर नियंत्रण रख सकते हैं।

कई बार नौकरी बदलने, लोन लेने या कॉन्ट्रैक्ट जैसे मामलों में बैंक स्टेटमेंट की आवश्यकता पड़ती है। अधिकांश खाते के धारक सिर्फ जरूरत के समय ही इसे चेक करते हैं, जो कि सही तरीका नहीं है।

साल में बैंक स्टेटमेंट को कितनी बार और क्यों जांचना चाहिए?

फाइनेंस के विशेषज्ञों के अनुसार, अकाउंट धारकों को बैंक द्वारा प्रदान किए जाने वाले स्टेटमेंट फीचर का नियमित रूप से उपयोग करना चाहिए। इससे छोटे-बड़े सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलती है, जिससे न केवल खर्च पर नियंत्रण रखा जा सकता है, बल्कि किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी से भी बचाव होता है। इसके कई खास फायदे भी होते हैं। हालांकि, ज्यादातर अकाउंट धारकों को यह नहीं पता होता कि एक साल में बैंक स्टेटमेंट को कितनी बार चेक करना चाहिए और ऐसा करना क्यों आवश्यक है।

बैंक स्टेटमेंट जांचने के कई लाभ

वित्तीय मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार, हर अकाउंट धारक को हर महीने बैंक स्टेटमेंट की जांच करनी चाहिए। इसका मतलब है कि साल में कम से कम 12 बार बैंक स्टेटमेंट चेक करना एक अच्छी वित्तीय आदत है। नियमित रूप से बैंक स्टेटमेंट देखने से विभिन्न प्रकार के ट्रांजेक्शन पर लगने वाले बैंक चार्जेज की जानकारी भी मिलती है, क्योंकि बैंक नए या डुप्लीकेट पासबुक, अपडेटेड एटीएम, और अकाउंट डिटेल्स जैसे कई सालाना चार्ज अपने आप अकाउंट से काट लेते हैं। स्टेटमेंट की नियमित जांच करने से अनावश्यक चार्ज से बचा जा सकता है।

बैंक स्टेटमेंट का उपयोग सबूत के रूप में, निवेश की योजना बनाने में सहायता

इसके अलावा, बैंक की ओर से हर ट्रांजेक्शन पर मिलने वाले एसएमएस या ईमेल अपडेट को कई बार नजरअंदाज करने पर हम बैंक स्टेटमेंट के माध्यम से जागरूक रह सकते हैं। किसी बैंक धोखाधड़ी या आपराधिक मामले में भी बैंक स्टेटमेंट को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त होती है और इसे सबूत के रूप में पेश किया जा सकता है। इस महत्वपूर्ण दस्तावेज़ के जरिए अपने फंड और बैलेंस के बारे में जानकारी हासिल करके हम अधिक रिटर्न वाले निवेश की योजना बनाने में भी मदद ले सकते हैं।

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