Gold Purity Check: फेस्टिव सीजन आ गया है, और जल्द ही शादी का मौसम भी शुरू होगा। इन दोनों अवसरों पर खान-पान के साथ सोने की मांग काफी बढ़ जाती है। जहां एक ओर सोने की डिमांड में इजाफा हो रहा है, वहीं दूसरी ओर इसकी कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में भारत में सोने की डिमांड 700 से 800 टन रही है, और इस साल यह 900 टन तक पहुंच सकती है। इस बढ़ती मांग को देखते हुए, कुछ लोग फर्जीवाड़ा करने लगते हैं। हां, लोग असली सोना बताकर नकली या मिलावटी गोल्ड बेच देते हैं। इस स्थिति में लोगों के मन में हमेशा यह सवाल रहता है कि क्या वे जो सोना खरीद रहे हैं, वह वास्तव में खरा और असली है या नहीं।
यह सच है कि कोई भी सोने की ज्वेलरी पूरी तरह से शुद्ध यानी 100 फीसदी प्योर नहीं हो सकती। इसका कारण यह है कि गोल्ड एक बहुत नरम धातु है। ज्वेलरी बनाने के लिए इसमें अन्य धातुओं का मिश्रण करना आवश्यक होता है, बिना मिलावट के इसे तैयार नहीं किया जा सकता।
सोने की ज्वेलरी में कितनी मिलावट है, इसकी जानकारी आपको होना चाहिए। सोने की शुद्धता को मापने के लिए कैरेट (K) का उपयोग किया जाता है। इस यूनिट से आप जान सकते हैं कि आपके पास मौजूद गोल्ड ज्वेलरी में कितनी मिलावट है।
कैरेट के माध्यम से सोने की शुद्धता कैसे मापी जाती है?
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) ने सोने की शुद्धता को 6 श्रेणियों में बांटा है। जब आप ज्वेलरी खरीदने जाते हैं, तो सोनार आपसे पूछता है कि आपको किस कैरेट का सोना चाहिए। ये कैरेट यह निर्धारित करता है कि सोने में कितनी मिलावट है। नीचे दी गई तालिका से आप समझ सकते हैं कि किस कैरेट का सोना कितना शुद्ध होता है।
- कैरेट: सोने की शुद्धता
- 14K: 58.5%
- 18K: 75%
- 20K: 83.5%
- 22K: 91.6%
- 23K: 95.8%
- 24K: 99.9%
हालांकि 24K गोल्ड को शुद्ध माना जाता है, लेकिन यह भी केवल 99.9 फीसदी शुद्धता रखता है। इसका मतलब है कि इसमें 0.1 फीसदी मिलावट होती है। अब सवाल यह है कि आपके पास जो गोल्ड है, क्या वह असली है या नहीं, इसकी जांच कैसे की जाए?
सोने की शुद्धता की जांच कैसे करें
- आपको ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) की वेबसाइट पर जाकर अपने शहर के BIS सेंटर्स की जानकारी लेनी चाहिए।
- BIS सेंटर्स में 45 रुपये में सोने की शुद्धता की जांच की जाती है।
- यहां, कैरेट मशीन के माध्यम से ज्वेलरी की तीन परतों में परीक्षण होता है।
- सोने की शुद्धता की जानकारी कैरेट में बताई जाती है।
मेकिंग चार्ज के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं
जब हम गोल्ड ज्वेलरी खरीदते हैं, तो हमें मेकिंग चार्ज देना पड़ता है। कई ज्वेलरी ब्रांड्स अपने ग्राहकों को बताते हैं कि वे बिल दिखाकर ज्वेलरी एक्सचेंज करवा सकते हैं। लेकिन जब ग्राहक ज्वेलरी एक्सचेंज करने जाते हैं, तो उनसे फिर से मेकिंग चार्ज लिया जाता है। इस तरह, ज्वैलर्स ग्राहकों से ज्यादा पैसे वसूलते हैं। कभी-कभी, बिल में मेकिंग चार्ज को वेस्ट चार्ज या डिडक्शन चार्ज के नाम से दिखाया जाता है।