Old Pension Scheme Update: केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से ओल्ड पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार द्वारा किसी भी ऐलान के अलावा निराशा ही मिली है। वित्तीय वर्ष 2024-2025 के बजट में सभी कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार इस योजना पर कोई बड़ा कदम उठा सकेगी, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
अब कर्मचारियों को लगने लगा है कि सरकार ओल्ड पेंशन योजना को लेकर अपना रवैया सकारात्मक नहीं बना रही है। सरकार ने 2004 में ओल्ड पेंशन योजना को पूरी तरह से बंद कर दिया था और उसके बाद एनपीएस को शुरू किया था। सरकारी कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा एनपीएस में जाता है।
एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद पेंशन देने का प्रावधान नहीं है। ओल्ड पेंशन योजना की लागूता या वित्त सचिव टीवी सोमनाथन द्वारा इस पर दी गई स्पष्टता से, इस विषय पर अब कोई शंका नहीं बची है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप आराम से एक आर्टिकल पढ़ सकते हैं।
वित्त सचिव ने ओल्ड पेंशन योजना पर क्या कहा?
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने ओल्ड पेंशन योजना की बहाली के संदर्भ में महत्वपूर्ण बात कही है। उन्होंने बताया कि ओल्ड पेंशन योजना को वापस लाने से देश के उन नागरिकों को नुकसान होगा, जो सरकारी नौकरी का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि एनपीएस (नई पेंशन प्रणाली) के संदर्भ में कर्मचारी संगठनों और राज्य सरकारों के साथ कुछ सकारात्मक वार्ता हुई है।
टीवी सोमनाथन ने समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ बातचीत में महत्वपूर्ण बातें कही हैं। उन्होंने बताया कि एनपीएस पर बनी समिति का काम अभी पूरा नहीं हो सका है और उन्होंने कर्मचारी संगठनों और राज्य सरकारों के साथ इस विषय पर चर्चा की है। उन्होंने बताया कि इसमें कुछ प्रगति भी देखने को मिली है। वे सचिव के रूप में कर्मचारियों की कुछ चिंताओं के बारे में भी बात की हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था वित्तीय रूप से संभव नहीं है।
रोजगार युवाओं को प्रदान किया जाएगा
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने आगे कहा कि सरकार देश में युवाओं को रोजगार के होशियार बनाने के मकसद से उन्हें कंपनियों में प्रशिक्षण देने की सुविधा के साथ-साथ 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को आधुनिक रूप भी देने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि बजट में रोजगार पर महत्वपूर्ण ध्यान देना चाहिए। जानकारी के लिए यह बता दें कि केंद्रीय और राज्य कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने 2004 में जो फैसला लिया था, उसी पर अभी भी अडिग है।