Tulsi Puja Niyam: हिंदू धर्म के अनुसार तुलसी के पौधे में धन की देवी लक्ष्मी जी का वास माना गया है। अतः यदि रोजाना पूरे विधि-विधान के साथ तुलसी की पूजा-अर्चना की जाए, तो धन संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है। इसलिए आइए जानते हैं कि तुलसी पौधे में जल देने का सही नियम और समय क्या है, ताकि आपको तुलसी पूजन का पूर्ण लाभ मिल सके।
तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र पौधा माना गया है। धार्मिक दृष्टि से तुलसी का महत्व अत्यधिक है, और वैज्ञानिक दृष्टि से भी इसे काफी फायदेमंद माना गया है। कई घरों में देवी-देवताओं के साथ-साथ तुलसी की भी पूजा की जाती है। विशेष रूप से माना जाता है कि तुलसी पर जल चढ़ाने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
इस तरीके से जल चढ़ाएं
ज्योतिष शास्त्र में विश्वास है कि सूर्योदय से पहले तुलसी में जल अर्पण करने से साधक को शुभ फल मिलते हैं। इसलिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करके निवृत्त हो जाएं और उसके बाद अपना मुख पूर्व दिशा की ओर रखकर तुलसी में जल अर्पण करें। इसे करते समय यह भी ध्यान दें कि जल अर्पण से पहले भोजन न करें।
इस मंत्र का उच्चारण करें
तुलसी को जल देते समय 'ॐ सुभद्राय नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का आप 11 या 21 बार तक जाप कर सकते हैं। इस तरह करने से माँ लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक समस्याएँ दूर होती हैं। जल चढ़ाने के बाद तुलसी के सामने घी का दीपक जरूर जलाएं। इससे साधक के घर-परिवार पर माँ लक्ष्मी की कृपा बरसती रहती है।
इन नियमों का भी पालन करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी में एकादशी या रविवार के दिन जल नहीं चढ़ाना चाहिए। इन दिनों पर तुलसी के पत्ते तोड़ना भी वर्जित माना गया है। इसका कारण है कि एकादशी पर देवी तुलसी व्रत की जाती है। साथ ही, तुलसी के पौधे के पास कभी कूड़ा या गंदगी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे अशुभ परिणाम हो सकते हैं।
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