Post Office Saving Scheme: यदि आप सुरक्षित निवेश की तलाश में हैं, तो पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में बहुत ही आसानी से निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेशकों को गारंटीड रिटर्न भी मिलता है। यहाँ बात हो रही है पोस्ट ऑफिस की एनपीएस स्कीम की, जो एक स्मॉल सेविंग स्कीम है और निवेशकों को गारंटीड रिटर्न प्रदान करती है। इस स्कीम को देश की सरकार समर्थन दे रही है।
नेशनल सेविंग स्कीम, यानी एनपीएस, में 5 साल के लिए निवेश किया जाता है। इसके साथ-साथ आपको बेहतरीन रिटर्न और इनकम टैक्स बेनिफिट भी प्राप्त होता है। इस स्कीम की खासियत यह है कि इसमें एक सुविधा है कि आप अपने खाते को दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर कर सकते हैं। चलिए, पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम के बारे में और अधिक जानते हैं।
पोस्ट ऑफिस की एनपीएस स्कीम के बारे में विस्तार से जानें
पोस्ट ऑफिस की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, एक एकल वयस्क व्यक्ति खाता खोल सकता है। इसके अतिरिक्त, तीन वयस्क व्यक्ति एक साथ मिलकर भी एनएससी खाता खोल सकते हैं। नाबालिग की ओर से कोई भी माता-पिता इस खाता को खोल सकता है। एक विशेष बात यह है कि यदि नाबालिग 10 साल से अधिक आयु का है, तो वह अपने नाम पर भी खाता खोल सकता है।
रिटर्न को इस प्रकार समझें
अधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, पोस्ट ऑफिस एनपीएस पर वर्तमान में 7.7 प्रतिशत का वार्षिक ब्याज प्राप्त हो रहा है। यह ब्याज वार्षिक रूप से कंपाउंड होता है। लेकिन इस पर मुख्यधारा पर कर लागू होता है। अगर आपको इस निवेश के रिटर्न को समझना है, तो समझिए कि अगर आपने इस स्कीम में आज 10 हजार रुपये का निवेश किया होता।
तो मैच्योरिटी पर, अर्थात् 5 साल बाद आपको कुल 14490 रुपये प्राप्त होंगे। इसका मतलब है कि 5 साल बाद आपको आपके निवेश के 4490 रुपये का रिटर्न मिलेगा। यहां ध्यान दें कि पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरें तीन माही समीक्षा के आधार पर देश की सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है।
एनएससी में आप कितना निवेश कर सकते हैं?
एनएससी में निवेश की बात करें, इसमें शुरुआती निवेश की लागत कम से कम 1 हजार रुपये से की जा सकती है। इसके अलावा, 100 रुपये के मल्टीपल में चाहे जितनी भी रकम हो, आप उसे निवेश कर सकते हैं। ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, इसमें अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है। एनएससी में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत छूट भी प्राप्त हो सकती है।
अगर मैच्योरिटी से पहले धन निकालना चाहते हैं?
यदि आप एनएससी स्कीम को मैच्योरिटी से पहले बंद करवाना चाहते हैं, तो बता दें कि इसके लिए विशेष परिस्थितियों में बंद कराया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, एनएससी खाता होल्डर की मृत्यु हो जाए या तीन खाता होल्डरों में से किसी एक की मृत्यु हो जाए।
इसके अतिरिक्त, यदि कोई व्यक्ति अदालत के आदेश या किसी अधिकारी के द्वारा खाते को गिरवी रखने के आदेश पर भी एनएससी खाता बंद कर दिया जा सकता है।