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RBI ने गोल्ड लोन के संबंध में बैंकों से इस जानकारी की मांग की है!

RBI - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, RBI ने गोल्ड लोन के मामले में फ्रॉड पर अपना रुख सख्त किया है। इसके लिए रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से गोल्ड लोन फ्रॉड मामले में जरूरी जानकारियां देने के लिए कहा है। आइए नीचे खबर में इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी को समझें।

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पेटीएम और IIFL पर कार्रवाई के बाद रिजर्व बैंक का रवैया और भी सख्त हो गया है। RBI ने गोल्ड लोन के मामले में फ्रॉड के खिलाफ कदम उठाया है। इसके लिए रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से गोल्ड लोन फ्रॉड मामले में आवश्यक जानकारी प्रदान करने की अपील की है। गोल्ड लोन आसानी से मिलने वाला लोन होता है, और इस कारण कई लोग इसका रिपेमेंट नहीं करते, जिससे बैंक को नुकसान होता है।

अब इन्हीं गोल्ड लोन फ्रॉड मामलों के संबंध में RBI ने बैंकों को रिपोर्ट किया है, जिसमें फ्रॉड, पोर्टफोलियो में डिफॉल्ट, और पैसे की वसूली के प्रयासों की जानकारी देने के लिए कहा गया है।

गोल्ड लोन फ्रॉड के मामले क्यों हो रहे हैं?

बता दें, RBI को इस बात की चिंता है कि गोल्ड लोन के मामले में बैंकों के कर्मचारी सिस्टम के साथ अनुचित गतिविधियों में लगे हों। इस तरह के कुछ मामले पहले ही सामने आ चुके हैं। हाल ही में दो सरकारी बैंकों से जुड़े ऐसे मामले सामने आए थे, जिनमें बैंक के कर्मचारियों ने गोल्ड लोन का लक्ष्य पूरा करने के लिए सिस्टम के साथ छेड़छाड़ की। रिजर्व बैंक ने इन दोनों मामलों को ध्यान में रखते हुए बैंकों से डेटा मांगा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, रिजर्व बैंक ने गोल्ड लोन से संबंधित जानकारियों के साथ-साथ बैंकों को अन्य मार्गदर्शन भी दिए हैं। बैंकों को उनकी ऋण देने की प्रक्रिया की समीक्षा करने के लिए भी अगाह किया गया है, ताकि यह जांचा जा सके कि बैंकों की ऋण देने की प्रक्रियाएँ रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप हैं या नहीं।

डेटा क्यों मांगा गया?

रिपोर्ट में एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने बताया है कि रिजर्व बैंक खुद से भी गोल्ड लोन डेटा को एक्सेस कर सकता है। 5 करोड़ रुपये से अधिक के लोन के डेटा सेंट्रल रिपॉजिटरी ऑफ इन्फॉर्मेशन ऑन लार्ज क्रेडिट से मिलेंगे, जबकि छोटे लोन की जानकारियाँ सिबिल जैसे क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, फिर भी रिजर्व बैंक ने बैंकों को डेटा प्रदान करने के लिए कहा है, क्योंकि वह बड़े कर्ज की सेंट्रल रिपॉजिटरी या सिबिल में कैप्चर नहीं होने कर्ज में फ्रॉड की प्रकृति को जानना चाहता है।

फ्रॉड कैसे किया गया?

कुछ बैंकों ने गोल्ड लोन धोखाधड़ी के मामले में रिज़र्व बैंक को व्हिस्टलब्लोअर से सूचनाएं दी थीं। इन मामलों में बताया गया है कि बैंक के कर्मचारी ने कुछ दोस्ताना ग्राहकों के साथ मिलकर गोल्ड लोन प्रदान किया। और उन्हें बिना कोलैटरल के गोल्ड लोन दिया। इसका मतलब है कि बिना सोना गिरवी रखे ही लोगों को गोल्ड लोन दिया गया। थोड़ी देर बाद, ग्राहकों ने पूरा पेमेंट कर दिया। इन घटनाओं में, कर्मचारियों ने लोन प्रोसेसिंग फीस का भुगतान बैंक के खर्च खाते से किया, जबकि सिस्टम को मैनिपुलेट कर ब्याज के भुगतान में गड़बड़ी की गई। इस प्रकार, बैंक कर्मचारियों ने गोल्ड लोन के अपने लक्ष्य को पूरा किया।

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