Education Loan Tips: देश के कई बच्चे पढ़ाई के लिए बाहर जाना पसंद करते हैं। इसलिए, उनकी पढ़ाई के लिए कई माता-पिता एजुकेशन लोन लेते हैं। वर्तमान में एजुकेशन लोन की संख्या में तेजी देखने को मिली है। यह लोन बच्चों की पढ़ाई में होने वाले खर्चों को कवर करता है।
बच्चे की शिक्षा पूरी होने के बाद इस लोन को चुकाना होता है। हालांकि, इस ऋण को लेने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। अगर हम इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं तो भविष्य में हमें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
आइए, आज हम आपको बताएंगे कि आपको लोन लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आपको कितने लोन की आवश्यकता है?
आपको पहले समझ लेना चाहिए कि आपको कितना रुपये के लोन की आवश्यकता है। इसमें आपको पढ़ाई के छोटे-बढ़े खर्चों जैसे ट्यूशन फीस और हॉस्टल फीस के साथ लैपटॉप और किताबें आदि के चार्जेस को भी जोड़ना है। इसमें आपको कॉलेज फीस को नहीं शामिल करना है।
तृतीय पक्ष गारंटी
आप बिना किसी गारंटी के लाख से कम के लोन ले सकते हैं, लेकिन 4 लाख से ज्यादा के लिए आपको तृतीय पक्ष गारंटर की आवश्यकता हो सकती है। वहीं, 7.5 लाख रुपये के लोन पर सुरक्षा के रूप में प्रॉपर्टी, इंश्योरेंस पॉलिसी, बैंक डिपॉजिट को देना पड़ता है। ऐसे में लोन लेने से पहले आप गारंटर तैयार कर लें।
Credit स्कोर
यदि क्रेडिट स्कोर (Credit Score) कम होता है, तो लोन मिलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सभी बैंक की ब्याज दर अलग होती है। इसलिए, आपको सभी बैंकों की तुलना करने के बाद ही लोन लेना चाहिए। हालांकि, कई बार कोर्स और यूनिवर्सिटी के साथ-साथ आपके शैक्षणिक रिकॉर्ड (Academic Record) के आधार पर लोन के ब्याज दर तय की जाती है।
लोन लेने से पहले आपको क्रेडिट स्कोर की जाँच करनी चाहिए। यह बताने लायक है कि 700 से ऊपर का क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है। अच्छे क्रेडिट स्कोर के साथ, लोन मिलना काफी आसान हो जाता है।
लोन चुकाना
बैंक एजुकेशन लोन में एक साल का मोरेटोरियम पीरियड दिया जाता है। इसमें बैंक से ली गई राशि को ईएमआई (EMI) के तौर पर नहीं चुकाना होता है। आप 15 साल के अंदर लोन का प्रतिदिन भुगतान कर सकते हैं।
बता दें कि बैंक मोरेटोरियम पीरियड को दो साल और बढ़ाया जा सकता है। छात्र पर लोन का बोझ ना बढ़े इसलिए बैंक ग्राहकों को यह सुविधा प्रदान करता है।