पिछले साल, दो हजार रुपये के मूल्यवर्धित नोटों को वापस लेने का कार्य पूरा किया गया और अब तक लगभग 97.5 फीसदी नोट बैंकिंग प्रणाली में सुधार के लिए वापस किए गए हैं। इसका मतलब है कि 2000 रुपये के नोटों का चलन अब आम लेन-देन में नहीं होगा। केंद्रीय बैंक RBI ने आज खुलासा किया है कि जो 2000 रुपये के नोट चलन में थे उनमें से लगभग 97.5 फीसदी वापसी हो चुकी है, और इस प्रकार वे अब आम लोगों के बीच में नहीं हैं। यह वापसी का कारण लोगों को नए मूल्यवर्धित नोटों का अधिक प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना है और वित्तीय प्रणाली में सुधार करना है।
RBI के अनुसार, अब केवल 8,897 करोड़ रुपये के मूल्यवर्धित नोट ही आम लोगों के पास उपलब्ध हैं। आरबीआई ने पिछले साल 19 मई 2023 को ₹2000 मूल्य के बैंक नोटों को चलन से वापस लेने का ऐलान किया था। 31 जनवरी 2024 तक, 19 मई 2023 को चलन में थे ₹2000 मूल्य के 3.56 लाख करोड़ रुपये के नोट, जिनकी मूल्यवर्धना होकर वे 8,897 करोड़ रुपये तक ही पहुंचे हैं।
क्लीन नोट पॉलिसी के अनुसार, यह नोटें वापस लेने का निर्णय किया गया था
7 अक्टूबर, 2023 तक, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी स्वच्छ नोट नीति के अंतर्गत ₹2000 के नोट को पुनः प्राप्त करने का एलान किया था। इसे देशभर की सभी बैंक शाखाओं में 7 अक्टूबर, 2023 तक जमा करने या बदलने की सुविधा दी गई थी।
इसके बाद से अब, ₹2000 के बैंक नोट्स को बदलने की सुविधा रिजर्व बैंक के 19 इश्यू ऑफिसों में ही उपलब्ध है। इन ऑफिसों में पहले भी नोट बदलने की सुविधा थी। अगर आपके लिए इश्यू ऑफिस दूर है, तो आप अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर अपने खाते में इसे जमा कराने के लिए इंडिया पोस्ट के माध्यम से इस नोट को आरबीआई के किसी भी इश्यू ऑफिस को भेज सकते हैं।
ये नोट नवंबर 2016 में लॉन्च हुए थे
आरबीआई ने ₹500 और ₹1000 के बैंक नोटों के लीगल टेंडर की वापसी के बाद, नवंबर 2016 में करेंसी की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए 2,000 रुपये के बैंक नोट प्रस्तुत किए थे।
RBI के अनुसार, इसे लाने का मकसद एक बार पूरा हो गया है क्योंकि अब बाजार में बाकी मूल्यों के नोट पर्याप्त संख्या में मौजूद हैं। इसके परिणामस्वरूप, दो हजार रुपये के मूल्य के नोट की छपाई 2018-19 में ही बंद कर दी गई थी, हालांकि ये नोट अब भी लीगल टेंडर में शामिल हैं भले ही वे चलन से बाहर हो गए हों।