BED vs BTC 2024: 11 अगस्त को, मान्यवर सर्वोच्च न्यायालय ने एक फैसला सुनाया, जिसमें बीएड को प्राथमिक में अयोग्य ठहराया गया। इस निर्णय के परिणामस्वरूप, सुप्रीम कोर्ट ने बीटीसी के पक्ष में फैसला किया। इसके पश्चात, बीएड डिग्रीधारियों ने कई धरने दिए, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। हालांकि, अभ्यर्थी अब भी धरना देने के लिए तैयार हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद, बीएड को कोई भी नुकसान हो सकता है, लेकिन संस्थानों को कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। हाँ, जब कोर्ट ने निर्धारित किया कि अब बीएड प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं होगा, तो सभी को ऐसा लगा कि अब बेड में एडमिशन नहीं होगा। लेकिन हाल ही में, एक बीएड प्रवेश लेने वाले कॉलेज के साथ हुई चर्चा में यह पता चला कि छात्र आज भी बीएड में प्रवेश ले रहे हैं।
2024 में बीएड और बीटीसी के बीच एडमिशन में कोई कमी नहीं आएगी
यह बताया जा रहा है कि वर्तमान में बीएड अभ्यर्थियों की संख्या लगभग 15 से 20 लाख के बीच है। इन छात्रों का मुख्य उद्देश्य शिक्षक भर्ती का इंतजार करना है। यद्यपि इन्हें प्राथमिक में योग्य नहीं माना जा सकता, वे जूनियर स्तर पर आवेदन कर सकते हैं। लेकिन एडमिशन में कमी के कारण आने का कारण इसे कई कारकों पर निर्भर करता है। इसे समझने के लिए, करियर अवसर सबसे अच्छा माध्यम है।
जी हाँ, इन दोनों में सबसे बड़ा अंतर यह है कि इसमें अभ्यर्थियों को भविष्य के लिए क्या चुनना है, इसमें मदद करता है। बता दें कि वे जो BTC कर रहे हैं, उन्हें मात्र प्राथमिक और जूनियर शिक्षक के लिए योग्य माना जाता है। वहीं बीएड कर रहे व्यक्ति को कई अवसर मिलते हैं। उन्हें जूनियर, हाई स्कूल और टीजीटी आदि में भी योग्यता होती है।
मेरा ख्याल है कि बीएड में एडमिशन में कमी ना आने का सबसे बड़ा कारण यह हो सकता है। क्योंकि यह तय है कि जहां अभ्यर्थी को अधिक अवसर मिलेंगे, वह उसे चुनना अधिक पसंद करेगा। हालांकि, भर्ती की दृष्टि से देखें तो प्राइमरी स्तर पर रिक्तियों की संख्या अधिक होती है। इसके अलावा, आपको बताता हूँ कि पिछले 5 वर्षों से कोई भी प्राइमरी भर्ती यूपी में नहीं हुई है।