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साल 2024 में कब है सकट चौथ? जानें तारीख, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Sakat Chauth 2024 Date: हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का व्रत मनाया जाता है। इस व्रत को संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट, माघ चतुर्थी, आदि नामों से भी जाना जाता है। सकट चौथ का व्रत प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन, व्रत रखा जाता है और गणेश जी की पूजा की जाती है। इसके बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है। यह व्रत खासतरंग स्त्रीजन द्वारा अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से विघ्नहर्ता गणेश संतान के संकटों को दूर करते हैं। इस साल सकट चौथ की तिथि, पूजा विधि, और शुभ मुहूर्त के बारे में जानने के लिए आइए पढ़ें।

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Sakat Chauth kab ki hai: सकट चौथ एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह एक व्रत है जिसमें महिलाएं अपने पति और परिवार की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। 2024 में, सकट चौथ की तारीख 29 जनवरी है। 

सकट चौथ क्या है? / What is Sakat Chauth?

Sakat Chauth ka vrat 2024: सकट चौथ एक हिंदू त्यौहार है जो साल में एक बार मनाया जाता है। यह त्यौहार महिलाओं द्वारा रखा जाने वाला एक व्रत है। इस दिन, महिलाएं पूरे दिन खाना नहीं खाती हैं और अपने पति और परिवार के स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं। 

सकट का अर्थ है "सुखी" और चौथ का अर्थ "चतुर्थ" है। इस प्रकार, सकट चौथ का अर्थ है "सुखी चौथ"। यह दिन पति के स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए प्रार्थना का दिन है।

सकट चौथ 2024 में कब है? / When is Sakat Chauth in 2024?

Sakat Chauth 2024 Mein Kab Hai: साल 2024 में सकट चौथ का त्योहार 29 जनवरी 2024, सोमवार को होगा। इस दिन भगवान श्री गणेश जी के 108 नामों का जाप करना विशेष शुभ होता है। सकट चतुर्थी के दिन संतानवती माताएं, पूरे दिन निर्जल व्रत का पालन करती हैं और रात्रि के समय में चंद्र देव को अर्घ्य देने के साथ-साथ, गणपति पूजन करके देवता को भोग चढ़ाती हैं।

सकट चौथ 2024: तारीख और मुहूर्त / Sakat Chauth 2024: Date and Time

2024 mein Sakat Chauth kab ki hai: सकट चौथ पूर्णिमा के एक दिन बाद मनाया जाता है। 2024 में, सकट चौथ की तारीख 29 जनवरी (sakat chauth 2024 day) है। 

सकट चौथ 2024 का शुभ मुहूर्त / Sakat Chauth 2024 

अमृत (सर्वोत्तम) - सुबह 7 बजकर 11 मिनट से सुबह 8 बजकर 32 मिनट तक

शुभ (उत्तम) - सुबह 9 बजकर 43 मिनट से सुबह 11 बजकर 14 मिनट तक

सकट चौथ पूजा मुहूर्त - शाम 4 बजकर 37 मिनट से शाम 7 बजकर 37 मिनट तक

सकट चौथ 2024 चंद्रोदय समय / Sakat Chauth 2024 Moonrise Time

माघ मास की सकट चतुर्थी के दिन, 29 जनवरी को, चंद्रोदय रात 09 बजकर 10 मिनट को होगा।

सकट चौथ पूजा विधि / Sakat Chauth Puja Vidhi

  • सकट चौथ के दिन, ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • उसके पश्चात्, भगवान गणेश की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें। गणेश जी के साथ ही, मां लक्ष्मी की मूर्ति भी रखें।
  • गणेश जी और मां लक्ष्मी को रोली और अक्षत से सजाकर, फिर पुष्प, दूर्वा, मोदक आदि से आराधना करें।
  • सकट चौथ में तिल को विशेष महत्व है। इसलिए, भगवान गणेश के लिए तिल के लड्डू भोग को अर्पित करें।
  • "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का जाप करें। 
  • पूजा में चांदी के दीपक, कलश, फल, फूल, अक्षता, चावल और सिंदूर आदि का उपयोग किया जाता है।
  • अंत में, सकट चौथ व्रत की कथा सुनें और आरती करें।
  • रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर सकट चौथ व्रत को समाप्त करें।
  • इसके बाद महिलाएं परिवार के सदस्यों को भोजन कराती हैं, लेकिन स्वयं उपवास रखती हैं। उनका उपवास सूर्यास्त के बाद तोड़ा जाता है।

सकट चौथ का महत्व / Importance of Sakat Chauth

माताएं अपनी संतान के सुखी जीवन के लिए सकट चौथ का व्रत आचरण करती हैं। व्रती महिलाएं शाम को गणेश जी की पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करती हैं। मान्यता है कि माघ मास की चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश ने अपने माता-पिता की पूजा की और अपनी तीव्र बुद्धि और ज्ञान का परिचय किया था। इस व्रत को करने से संतान को अच्छा स्वास्थ्य, बुद्धि, और समृद्धि में वृद्धि होती है। इस दिन तिल का स्नान, दान, उसके सेवन और पूजा में विशेष ध्यान दिया जाता है।

सकट चौथ व्रत कथा / Sakat Chauth Vrat Katha

सकट चौथ व्रत कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक सकटा नाम की रानी थी। वह अपने पति को बहुत प्यार करती थी। 

एक बार जब राजा युद्ध पर गया हुआ था, रानी को एक सपना आया कि उसके पति की मृत्यु हो गई है। वह बेहद दुखी हुई और तपस्या करने का निश्चय किया। उसने सात  दिन तक अन्न और जल त्याग करके तपस्या की। सातवें दिन देवी पार्वती प्रसन्न होकर उसके सामने प्रकट हुईं और उसे वरदान दिया कि उसका पति युद्ध से सुरक्षित लौटेगा।

जब राजा लौटा तो रानी ने उसे सकट चौथ व्रत की कथा सुनाई। तब से, पति के लंबे जीवन और स्वास्थ्य के लिए महिलाएं यह व्रत रखने लगीं।

सकट चौथ व्रत के लाभ / Benefits of Sakat Chauth Vrat

सकट चौथ व्रत कई लाभ प्रदान करता है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • यह पति के लंबे जीवन और स्वास्थ्य की कामना करता है।
  • इस दिन किए गए व्रत से पति-पत्नी के बीच प्रेम और सम्मान बढ़ता है। 
  • यह परिवार के कल्याण और सुख-शांति के लिए प्रार्थना करता है।
  • मान्यता है कि इस व्रत से महिलाओं को पुत्र प्राप्ति में भी सहायता मिलती है।

इस प्रकार, सकट चौथ एक महत्वपूर्ण व्रत है जो परिवार की खुशहाली और कल्याण का प्रतीक है। 

सकट चौथ पर कुछ सावधानियां / Some Precautions on Sakat Chauth

सकट चौथ का व्रत रखते समय कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक होता है:

  • गर्भवती महिलाओं को यह व्रत नहीं रखना चाहिए।
  • बीमार महिलाओं को भी डॉक्टर से सलाह लेकर ही व्रत रखना चाहिए। 
  • व्रत के दौरान पानी की कमी से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
  • व्रत खोलने के बाद हल्का भोजन करना चाहिए और एकाएक भारी तेल-मसालेदार भोजन से बचना चाहिए। 

निष्कर्ष

सकट चौथ एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है जो पति के स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए मनाया जाता है। 2024 में, यह त्यौहार 29 जनवरी को मनाया जाएगा। महिलाएं इस दिन व्रत रखकर पूजा करती हैं और अपने पति के कल्याण की कामना करती हैं। यह परिवार की खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है।

FAQs

सकट चौथ कब की है 2024?

सकट चौथ 2024 की तारीख: 29 जनवरी, सोमवार को है। इस दिन व्रत करने से संतान सुख, वैवाहिक समृद्धि, और आर्थिक स्थिति में सुधार की कामना की जाती है।

सकट चौथ क्यों मनाते हैं?

सकट चौथ का व्रत भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं में विशेष महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन गणेश जी की पूजा से संतान सुख, वैवाहिक सुख, और आर्थिक समृद्धि की कामना की जाती है।

2024 में सकट चौथ का व्रत कब है?

2024 में सकट चौथ का व्रत 29 जनवरी, सोमवार को है। इस व्रत में गणेश जी की पूजा करने से संतान सुख, वैवाहिक सुख, और आर्थिक समृद्धि की कामना की जाती है।

सकट चौथ कौन मनाता है?

सकट चौथ विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा अपने पतियों की लंबी उम्र और भलाई के लिए मनाया जाता है।

सकट चौथ के दिन महिलाएं क्या करती हैं?

सकट चौथ के दिन महिलाएं जल्दी उठती हैं, स्नान करती हैं, नए कपड़े पहनती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं। फिर वे भगवान शिव-पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। वे सकट चौथ कथा सुनते हैं और पूरे दिन बिना पानी और भोजन के उपवास पर रहते हैं। 

सकट चौथ पूजा के दौरान क्या चढ़ाया जाता है?

सकट चौथ पूजा के दौरान, महिलाएं आशीर्वाद लेने के लिए फूल, फल, सिन्दूर, चावल, हल्दी-कुमकुम और मिठाई जैसी चीजें चढ़ाती हैं। कुछ महिलाएं पूजा के बाद नारियल तोड़कर पति को चढ़ाने की परंपरा भी निभाती हैं।

सकट चौथ व्रत रखने के क्या फायदे हैं?

ऐसा माना जाता है कि सकट चौथ व्रत रखने से विवाहित महिलाओं को अपने पतियों की लंबी उम्र और व्यापार में समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। यह विवाह बंधन को भी मजबूत करता है। कुछ महिलाएं संतान प्राप्ति का आशीर्वाद पाने के लिए भी यह व्रत रखती हैं।

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