गाजीपुर शहर स्थित महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज में बृहस्पतिवार को कूल्हा प्रत्यारोपण के दौरान एक वृद्ध महिला की मौत हो गई। इससे मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों पर सवाल उठने लगे हैं। यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पूर्व भी एक महिला मरीज की कंधे के आपरेशन के दौरान मौत हो चुकी है।
हालांकि घटना को लेकर परिजनों द्वारा कोई शिकायत कॉलेज प्रशासन से नहीं की गई है। इसके बावजूद मौत के कारणों का पता लगाने के लिए चिकित्सकों की टीम अपने स्तर से जांच करने में जुटी है। मेडिकल कॉलेज से जिला अस्पताल के संबद्ध होने के बाद यहां सामान्य से लेकर जटिल आपरेशन विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है।
70 वर्षीय महिला का कूल्हा प्रत्यारोपण डॉ. वैभव द्वारा किया जाना था। सर्जरी के प्रोटोकॉल के अनुसार एक दिन पूर्व प्री-एनेस्थीसिया चेकअप होना चाहिए। लेकिन यह जांच आपरेशन थिएटर में महिला मरीज के पहुंचने से पूर्व किया गया। आपरेशन करने के बाद प्रत्यारोपण की प्रक्रिया के दौरान सीमेंटिंग जैसे ही शुरू हुई, महिला मरीज की हालत खराब हो गई।
बेहोशी के चिकित्सक ने पहुंचकर एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन मशीन के सहारे मरीज को ऑक्सीजन देने का प्रयास किया। हालांकि यह कारगर नहीं रहा। इसके बाद वहां मौजूद चिकित्सकों की चिंता बढ़ गई और महिला मरीज को बचाने के लिए हाथ से पंपिंग करने के साथ पुनः ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की सुविधा दी गई, लेकिन महिला की जान नहीं बचाई जा सकी। इस तरह की घटना से हड्डी से संबंधित मरीजों को खलबली मची हुई है।
इस संबंध में महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य आनंद मिश्रा ने बताया कि परिजनों की ओर से कोई शिकायत नहीं की गई है। हालांकि उम्र के मुताबिक रिस्क अधिक रहता है। वैसे, मौत किन कारणों से हुई है, इसकी जांच कराई जा रही है।