तीन दिवसीय जीवितपुत्रिका व्रत के पहले दिन, नहाने-धोने और भोजन के अवसर पर, सैदपुर के सबसे बड़े पक्के घाट पर, गुरुवार की सुबह से ही महिलाओं की भारी संख्या में उपस्थित थी। वहां हजारों महिलाएं गंगा स्नान किया और गरीबों को अन्न दान किया। इसके बाद, घर लौटते हुए महिलाएं पूजा से संबंधित फल, फूल, मिठाई आदि की खरीदारी भी की। इसके कारण सुबह से दोपहर तक घाट पर जाने वाले मार्ग पर भारी भीड़ थी।
गुरुवार से हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले तीन दिवसीय जीवितपुत्रिका व्रत की शुरुआत हो गई है। इसमें माताएं अपने पुत्रों की लंबी आयु के लिए अन्न और जल का त्याग करके 24 घंटे का कठोर व्रत रखती हैं। इस तीन दिवसीय व्रत के पहले दिन की शुरुआत नहाने-खाने से हुई।
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इसलिए गुरुवार की सुबह ही क्षेत्र के विभिन्न गंगा घाटों पर व्रती महिलाओं की भीड़ बनी रही। सैदपुर के सबसे बड़े गंगा घाट पर इस दिन हजारों महिलाएं गंगा स्नान करने और दान-पूण्य करने में शामिल थीं। घाट के मार्ग पर पूजा सामग्री, फल, फूल, और चीनी के विशेष लड्डू की खरीद के लिए, जगह-जगह व्रती महिलाओं की भीड़ लगी रही।
इसके कारण दोपहर तक नगर के बाजारों में खरीदारी करती रही महिलाएं गहमा गहमी रहीं। महिलाएं बताईं कि गंगा स्नान कर घर लौटने के बाद, आज परंपरा के अनुसार भोजन करेंगी और हम सभी अगले दिन से 24 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी। इसके बाद तीसरे दिन पारण किया जाएगा। इससे हमारे पुत्रों की आयु लंबी होगी।
नगर पंचायत की लापरवाही के कारण व्रती महिलाओं को मल-जल से गुजरना पड़ा। नगर के पक्के घाट जाने वाले मार्ग पर सुबह से ही नाली का मल-जल और कीचड़ जमा रहा। जिसके कारण गंगा स्नान कर लौट रहीं व्रती महिलाओं को इसके बीच से होकर गुजरना पड़ा।
जिसे लेकर गंगा स्नान को आने जाने वाली महिलाएं ने नाराजगी जाहिर की। कहा गया कि जब इसी से होकर गुजरना है, तो हमारे गंगा स्नान का क्या मतलब। नगर पंचायत को घाट जाने वाले मार्ग को साफ-सुथरा रखना चाहिए।