रायफल क्लब सभागार में डीएम आर्यका अखौरी की राजस्व न्यायालयों में लंबित राजस्व वादों को निस्तारण को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। इसमें निर्विवाद वरासत, पैमाईश, नामांतरण, आपसी बटवारा एवं भूमि विवाद से संबंधित आईजीआरएस व सम्पूर्ण समाधान दिवस सहित अन्य स्तरों से प्राप्त शिकायतों के निस्तारण का निर्देश दिया गया। साथ ही, राजस्व से जुड़े वादों को 60 दिनों के अंदर निस्तारित कराने के निर्देश दिए गए।
डीएम आर्यका अखौरी ने कहा कि शासन के निर्देशों के अनुसार, राजस्व प्रकरणों के निस्तारण के लिए 60 दिन के विशेष अभियान के तहत सभी प्रकरणों के वादों और अन्य भूमि से संबंधित विवादों का निस्तारण किया जाना चाहिए। निस्तारण के लिए निर्धारित अवधि से अधिक समय किसी भी स्थिति में नहीं लिया जाएगा। डीएम ने कहा कि सभी तहसीलों के कोर्टों में पुराने लंबित वादों की समीक्षा की जाएगी।
समीक्षा के दौरान, जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने तहसीलों में लेखपाल और राजस्व निरीक्षकों के द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रतिदिन समीक्षा करें। कोर्ट में लंबित वादों के निस्तारण को प्राथमिकता के आधार पर ज्यादा से ज्यादा तबादला करें।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, राजस्व विवादों के निस्तारण के लिए धारा-24 के तहत केसों को तीन महीने, धारा-33 के निर्विवादित मामलों को 45 दिन, और धारा-34 के विवादित मामलों को 90 दिन, सहित ही धारा-116 के तहत केसों को छह महीने से पहले निस्तारित किया जाना चाहिए। इसमें अगर किसी स्तर पर लापरवाही की गई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान, उपजिलाधिकारी मौजूद रहे, जिनमें अपर जिलाधिकारी अरूण कुमार सिंह और मुख्य राजस्व अधिकारी भी शामिल हैं।