भारत में ऐसे कई प्राकृतिक स्थल हैं जो अपने सुंदर नज़ारों से लोगों को आकर्षित करते हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में, चंदौली जिले के चकिया तहसील से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। राजदरी-देवदरी वाटरफॉल भी ऐसे ही खूबसूरत प्राकृतिक स्थलों में से एक है। यहां दो भव्य जलप्रपात हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं - राजदरी और देवदरी।
यह वन्यजीव अभ्यारण्य नौगढ़ और विजयगढ़ के बीच में स्थित है और एक प्राकृतिक रूप से बसा हुआ जंगल है। इस जंगल क्षेत्र में चन्द्रप्रभा नदी बहती है, जो कर्मनाशा नदी की सहायक नदी है। मुख्य रूप से कर्मनाशा नदी और चन्द्रप्रभा नदी पर कई प्राकृतिक जलप्रपात हैं, जो प्राकृतिक रूप से बने हुए हैं।
1957 में इस अभ्यारण्य की स्थापना एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए की गई थी, लेकिन आज दुर्भाग्यवश सभी शेर गायब हो चुके हैं। यह अभ्यारण्य 78 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है, और यहाँ जंगली सूअर, चिंकारा, तेंदुआ, लकड़बग्घा, काला हिरन, नील गाय, सांभर, चीतल, लंगूर, बंदर, आदि भी निवास करते हैं।
आइए इन दोनों वाटरफॉल के बारे में विस्तार से जानते हैं:
Dildarnagar.com पर पढ़ रहे है, तो चलिए फिर आज चंदौली जिले में राजदरी - देवदरी में पिकनिक करके आएं।
राजदरी वाटरफॉल/Waterfall
यह वाटरफॉल चकिया से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी स्थित है एक प्राकृतिक जलप्रपात। यह जलप्रपात चन्द्रप्रभा नदी पर निर्मित है, जो कर्मनाशी नदी के रूप में मशहूर है।
राजदरी वाटरफॉल विंध्य पर्वत श्रृंखला से निकलकर कोसी नदी में विलीन होने वाला एक भव्य जल प्रपात है। यह लगभग 100 फीट की ऊंचाई से गिरता है और इसका पानी बहुत तेज़ गति से बहता है। मानसून के मौसम में जब इस झरने में पानी की मात्रा चरम पर होती है, तब यह नजारा अद्भुत लगता है।
इस जलप्रपात को स्थानीय लोगों के बीच में पिकनिक का आदर्श स्थान माना जाता है; इसके अलावा, यहां हर साल हज़ारों पर्यटक और सैलानी आकर्षित होते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस स्थान पर सुरक्षा की सभी व्यवस्थाएं की हैं ताकि कोई भी दुर्घटना से बचा जा सके।
फ़ोटो खींचने या सेल्फी क्लिक करने के लिए कई स्थान यहाँ पर हैं। जब आप यहाँ पहुंचेंगे, चकिया नौगढ़ मुख्य सड़क को छोड़कर राजदरी की ओर जाएं, तो पहले ही आपको वन विभाग का एक चेक पोस्ट और एक गेट मिलेगा, जहाँ से आप राजदरी जलप्रपात की ओर प्रवेश कर सकते हैं।
राजदरी वाटरफॉल के पास ही एक प्राचीन शिव मंदिर - राजेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर 11वीं शताब्दी में बनाया गया था। मंदिर की दीवारों पर बनी हुई प्राचीन कलाकृतियां देखने लायक हैं। मंदिर के अंदर भगवान शिव की एक बड़ी प्रतिमा स्थापित है।
देवदरी वाटरफॉल/Waterfall
यह जलप्रपात सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर राजदरी जलप्रपात से स्थित है, और यहाँ एक और प्राकृतिक झरना है, जो सभी की आकर्षण का केंद्र है। यद्यपि यह राजदरी वाटरफॉल के मुक़ाबले थोड़ा छोटा है, फिर भी इसका नज़ारा बहुत ही मनोरम है। पानी की सफ़ेद धाराएं जब यहां से नीचे गिरती हैं तो यह मन को भाती हैं।
यहाँ भी एक सेल्फी पॉइंट है, जहाँ से आप फोटो ले सकते हैं। देवदरी तक पहुँचने के लिए सीधी सड़क जो देवदरी प्रपात की ओर जाती है, वर्तमान में निर्माणाधीन है। फिलहाल, आप राजदरी जलप्रपात से सीधे देवदरी जलप्रपात तक पहुंच सकते हैं।
अन्य घूमने लायक स्थान
चन्द्रप्रभा डैम - राजदरी से लगभग 8 किलोमीटर आगे है, चन्द्रप्रभा नदी पर स्थित चन्द्रप्रभा डैम एक अच्छा दर्शनीय स्थान है, जो सैलानियों को आकर्षित करने का केंद्र बना हुआ है।
मुंडेश्वरी धाम - यह मंदिर बिहार के भभुआ जिले में है, और यह राजदरी जलप्रपात से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित है। इसमें स्थित माता का जागता मंदिर पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है।
कब हैं जाने का सही मौसम
यहाँ आप किसी भी समय जा सकते हैं, लेकिन गर्मी में पहाड़ी क्षेत्र के कारण घूमना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, क्योंकि गर्मी यहाँ काफी तेज़ होती है। बरसात के मौसम में आने पर भी ध्यान देना आवश्यक है, क्योंकि यहाँ का जलप्रपात पहाड़ी और बरसाती नदी पर स्थित है, जो बरसात में अपने उग्र रूप में आ सकती है, जिससे नदी का पानी बढ़ और उतार सकता है।
यात्रा का सही समय: इसलिए, सही समय सितंबर से फरवरी तक है, यहाँ जब राजदरी में लोग झरने के पानी से नहाते हैं और बरसात में झरने का दृश्य अत्यंत सुंदर होता है।
मानसून के बाद इस दौरान झरनों में पानी की मात्रा भरपूर होती है और पर्यटक उनके भव्य दृश्यों का पूरा आनंद ले सकते हैं। गर्मियों में भीड़ ज्यादा होती है और गर्मी से राहत के लिए पानी में डुबकी लगाना उचित नहीं होता।
लेकिन सर्दियों में तापमान काफी कम हो जाता है और यात्रा करने के लिए यह मौसम उपयुक्त नहीं है। इसलिए सितंबर से दिसंबर के बीच आना सबसे अच्छा रहता है जब मौसम न गर्म और न ही ज्यादा ठंडा होता है।
अगर आप प्राकृतिक सौंदर्य से प्रेमी हैं और बरसात में यात्रा करना चाहते हैं, तो सावधानी से अपने ट्रिप का आनंद ले सकते हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य का अनूठा नमूना
राजदरी और देवदरी वाटरफॉल दोनों ही अपने आप में प्राकृतिक सौंदर्य के अनूठे नमूने हैं। इनके भव्य और आकर्षक दृश्य पर्यटकों को अपनी ओर खींच लेते हैं। झरनों की ध्वनि, हरे-भरे पेड़-पौधे और ठंडी हवाएं - यह सब मिलकर एक शानदार अनुभव प्रदान करते हैं।
गर्मियों में तो यहां आना और भी मजेदार हो जाता है। पर्यटक यहां पर पानी में झोंका लगा सकते हैं, नाविक खेल खेल सकते हैं और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। झरनों के आस-पास का वातावरण बहुत ही शांत और प्रसन्न होता है। यहां की हरे-भरे वादियां और पहाड़ियां पर्यटकों को बहुत पसंद आती हैं।
यहां कैसे पहुंचे
यह जलप्रपात चंदौली जनपद में स्थित है, जिसके लिए एक छोटा सा स्टेशन है, जिसे चंदौली मझवार कहा जाता है, नई दिल्ली गया रेलवे ट्रैक पर। ट्रेन से पहुंचा जा सकता है, हालांकि यहाँ सभी ट्रैनों का ठहराव नहीं होता है, इसलिए अधिकांश लोग चंदौली से 10 किलोमीटर दूर स्थित मुगलसराय रेलवे स्टेशन (नया नाम - पंडदीनदयालित उपाध्याय जंक्शन) पर उतरते हैं और वहां से टैक्सी बुक करके इस पिकनिक स्थल पर आया जा सकता है।
यहां तक पहुंचना भी आसान है। इलाहाबाद(प्रयागराज) से 250 किलोमीटर, वाराणसी से 65-70 किलोमीटर, मुग़लसराय से 50 किलोमीटर, सैयदराजा से 40 किलोमीटर, चंदौली से 40 किलोमीटर, ग़ाज़ीपुर से 110 किलोमीटर, जमानिया से 80 किलोमीटर, भभुआ (बिहार) से 80 किलोमीटर, सासाराम (बिहार) से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह स्थान सड़क मार्ग से भी अच्छे से जुड़ा हुआ है। चंदौली और सैयदराजा, जो NH-2 या स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क से दक्षिण 20 किलोमीटर, चकिया तहसील में हैं और वहां से और 20 किलोमीटर दूर एक जलप्रपात स्थित है।
मेरी सुझावना है कि अपने स्वार्थ का ध्यान रखते हुए आप अपने साधन से जाने पर समय और धन की बचत कर सकते हैं और अधिक से अधिक स्थानों की यात्रा कर सकते हैं। टैक्सी बुक करते समय आप मौद्रिक मुल्य को ध्यान में रख सकते हैं।
वायु मार्ग: इस स्थान से सबसे निकट हवाई अड्डा लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा (बाबतपुर) है, जो 85 किलोमीटर दूर है।
आस-पास के अन्य आकर्षण
राजदरी-देवदरी वाटरफॉल के अलावा भी इसके आस-पास कई अन्य पर्यटन स्थल हैं जो इसे और भी खास बनाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख स्थल इस प्रकार हैं:
- गंगा उत्सव - यह हर 12 वर्ष में आयोजित होने वाला एक बड़ा मेला है जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं।
- मणिकर्णिका स्नान घाट - यह घाट कोसी नदी पर स्थित है और धार्मिक महत्व रखता है। यहां पर स्नान करने की परंपरा है।
- कोसी नदी - यह नदी इस क्षेत्र का मुख्य आकर्षण है। कोसी नदी के किनारे टहलना और नदी में नौका विहार करना बहुत मनोरंजक होता है।
- गुफा मंदिर - ये मंदिर पहाड़ियों की गुफाओं में बने हुए हैं और काफी प्रसिद्ध हैं। यहां भगवान शिव और दुर्गा को समर्पित मंदिर हैं।
इतने सारे आकर्षणों के कारण पर्यटक यहां एक दिन में कई जगहों का भ्रमण कर सकते हैं। एक साथ प्राकृतिक दृश्यों और धार्मिक/सांस्कृतिक विरासत का आनंद उठाया जा सकता है।
आप कहाँ रुके
हालांकि यह एक एक-दिवसीय यात्रा है, लेकिन अगर आप इस स्थान को देखने के लिए दूर से आ रहे हैं, तो वाराणसी में ठहर सकते हैं। यहाँ रुकने से आपका लाभ होगा कि आप वाराणसी (रामनगर का किला और सारनाथ) भी घूम सकते हैं, जहाँ आपके बजट के हिसाब से कई छोटे-बड़े होटल मिलेंगे, और एक-दिनी टूर बना कर अपने व्यक्तिगत वाहन से या प्राइवेट टैक्सी को बुक करके इस जलप्रपात को भी देख सकते हैं।
स्थानीय खानपान और खरीददारी
यात्रा के दौरान स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है। राजदरी-देवदरी के आस-पास के क्षेत्र में आपको स्वादिष्ट भोजन मिल जाएगा। यहां के स्थानीय व्यंजनों में खीर, कोसी की रोटी, लिट्टी-चोखा, मिठाई और चाट प्रमुख हैं।
इस क्षेत्र की कला और हस्तशिल्प की वस्तुएं भी अनूठी और खरीदने लायक हैं। आप यहां से सोनभद्र की पारंपरिक कलाकृतियां, बांस से बने उत्पाद, कढ़ाईदार कपड़े और औषधीय जड़ी-बूटियां खरीद सकते हैं।
मैं यही सुझाव दूंगा कि यदि आपका बजट संकीर्ण है, तो आप यहाँ एक छोटे से ट्रिप का आनंद ले सकते हैं या पिकनिक का आयोजन कर सकते हैं। तो फिर चलिए, एक ट्रिप करें और घूमकर आएं।
संक्षेप में, राजदरी-देवदरी वाटरफॉल एक अद्भुत प्राकृतिक गंतव्य है जहां आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ भरपूर मजे कर सकते हैं। यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है। शांत वातावरण, ठंडी हवाएं और मनमोहक झरने आपको तुरंत इस जगह से प्यार करने पर मजबूर कर देंगे।
ऐसे में अगर आप भी प्रकृति के खूबसूरत नजारों का आनंद लेना चाहते हैं तो राजदरी-देवदरी वाटरफॉल जाना ना भूलें! यहां की हरे-भरे वादियां, ठंडे पानी की धाराएं और शांत वातावरण आपके मन को शांति प्रदान करेंगे और आपको तरोताजा कर देंगे। अगर आप भी प्रकृति प्रेमी हैं तो इस अद्भुत स्थल का दीदार जरूर करें! अपने परिवार या दोस्तों के साथ यहां आएं और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लें!