मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से हर गांव में सामुदायिक शौचालय बनाने का काम ग्राम पंचायत के द्वारा किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद, कुछ अधिकारी और कर्मचारी मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं के प्रति लापरवाह हैं। कुछ कर्मचारी अधिक सामुदायिक शौचालयों में पैसा खर्च करने के बावजूद भी, सामुदायिक शौचालय 2 वर्षों से अधूरा है।
इस मामले का परिचय विकासखंड भदौरा के सुरहा गांव में हुआ है, जहाँ पर सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवन में काम करने के बावजूद, करीब 2 वर्षों से भी अधिक समय से काम अधूरा है। जांच के बाद पता चला कि सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवन में पैसे कम से कम खर्च करने का मामला सामने आया था, लेकिन इसके बावजूद, अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है और न ही सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवन निर्मित किए गए हैं।
स्थानीय तहसील क्षेत्र के अधिकांश गांवों में सामुदायिक शौचालयों पर ताला लगा रहता है, जिससे लोगों को शौच करने में परेशानी आती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सुरहा गांव के सामुदायिक शौचालय 2 साल से भी अधूरा है, क्योंकि पूर्व ग्राम सचिव और पंचायत प्रधान द्वारा किये गए भ्रष्टाचार के कारण इसमें कम से कम पैसा खर्च किया गया था, जिसके चलते वर्तमान सचिव और ग्राम प्रधान काम करने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। सामुदायिक शौचालय के चारों ओर जगह-जगह बड़ी-बड़ी घास और गंदगी है।
कई बार नोटिस मिलने के बाद भी, सामुदायिक शौचालय अब तक नहीं बन पाया है। जांच के बाद पता चला कि सामुदायिक शौचालय में काम से अधिक पैसा खर्च करने का मामला साहसी बन गया था, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके परिणामस्वरूप, सामुदायिक शौचालय आज भी अधूरा है, और गांव के लोग आज भी रोड के किनारे और खुले खेतों में शौच करने के लिए मजबूर हैं। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी भदौरा गिरीश चंद्र सिंह ने बताया कि ग्राम प्रधान और तत्कालीन ग्राम सचिव और वर्तमान सचिव को बुलाया गया है, और मामले को मेरे ज्ञान के अनुसार सुनने के बाद कोई कार्रवाई की जाएगी।