गहमर थाना क्षेत्र और बारा गांव के बीच सोमवार की रात, एक नाव गंगा नदी में पलट गई। नाविक तैरकर भाग गए और मंगलवार की सुबह, गहमर और भांवरकोल पुलिस ने खोजबीन में जुटकर शुरू की। दोनों थानों की फोर्स ने नाव से लोगों की खोज की, लेकिन कोई भी स्पष्ट पता नहीं चला। ग्रामीणों के अनुसार, पशु तस्कर नाव से पशुओं को बिहार ले जा रहे थे, लेकिन इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है।
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प्रशासन ने लाख कवायदों के बाद भी पशु तस्करी को रोकने का प्रयास किया है, लेकिन खेल अब भी बंद नहीं हो रहा है। पुलिस द्वारा घोषित सड़क मार्ग से पशु तस्करी को बंद करने का दावा किया जा रहा है, परंतु पशु तस्कर लव मार्ग से अपनी गतिविधियों को जारी रख रहे हैं। इसका हाल ही का उदाहरण मंगलवार की रात में आया, जब एक नाव जो पशुओं से भरी थी, तेज आंधी में फंस गई और पानी की शिकार हो गई।
तेज आंधी के कारण, पशुओं से भरी हुई नाव अनियंत्रित होकर गंगा नदी के बीच में डूब गई। हालांकि, इसका कोई पुष्टि करना अभी तक मुश्किल है कि कितने पशु और लोग डूबे हैं। गंगा के किनारे वास करने वाले लोगों की मानें तो, तस्कर ने तैरकर बचने में कामयाबता हासिल की, हालांकि पशुओं के डूबने की घटना को उन्होंने प्रत्यक्षदर्शी तौर पर देखा है।
घटना की सूचना प्राप्त होने पर भांवरकोल और गहमर पुलिस सीओ जमानिया मौके पर पहुंचे और नाव के संगह से डूबने वालों की खोजबीन शुरू की। मंगलवार की दोपहर तक विस्तार से तलाश करने के बावजूद, कुछ भी प्राप्त नहीं हो सका। सीओ जमानियां विधिभूषण मौर्य ने बताया कि गहमर और भांवरकोल पुलिस बल द्वारा खोजबीन जारी है और यदि कोई साक्ष्य मिलता है, तो उसके आधार पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।