गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में शुक्रवार को व्यापारी नेता अबु फकर की भूमि को जबरदस्ती बैनामा कराने के मामले में मुख्तार अंसारी के साले अनवर सहजाद की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
नगर निवासी व्यापारी नेता अबु फकर ने बीते 14 अगस्त को शहर कोतवाली में माफिया मुख्तार अंसारी और उसके दोनों साले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। दर्ज एफआईआर के अनुसार, उनकी ज़मीन पर रौज़ा था। वर्ष 2012 में लखनऊ जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने व्यापारी नेता को बुलाया और रौज़ा होम्योपैथिक कॉलेज के पास की ज़मीन को अपने पुत्र अब्बास अंसारी के नाम करने की धमकी दी। विदेश में रहने वाले भाई अबु कदर के हिस्से की ज़मीन भी देने के लिए धमकाया गया। इसके बाद, मुख्तार के दोनों साले ने जबरन अबु फकर को अब्बास के घर ले जाया, जहां एक तरह की सलाहकारी बातचीत के बावजूद धमकाया गया।
अपने नाम करवाई जमीन को जबरन
25 अप्रैल 2012 को रजिस्ट्री कार्यालय ले जाकर उन्होंने जबरन जमीन को अपने नाम करा लिया। इस बैनामे के दौरान सर्किल रेट को 25 लाख में दर्शाया गया था। वे ने चार चेक्स, जो कुल मिलाकर 20.50 लाख थे, जमा किए थे, लेकिन उनके बजाय सादे चेक्स को वापस ले लिया गया। उन्हें जमा किए गए पैसे ही नहीं मिले। वह काफी डर गए थे। इसके दस वर्ष बाद, अबु फकर ने 14 अगस्त को मामला दर्ज करवाया था।
सहायक शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में आरोपित अनवर सहजाद ने कोर्ट में जमानत की अर्जी पेश की थी, जिस पर कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया।
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