गाजीपुर से मांझीघाट तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए यूपीडा और राजस्व विभाग की टीम जल्द ही भूमि के सीमांकन करेगी। उसके बाद खेती-बाड़ी वाले किसानों से एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पुराने एनएच-31 की जगह गाजीपुर से मांझीघाट तक चार लेन वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा। पुराने एनएच-31 को स्टेट सरकार के हवाले कर दिया जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 118 किलोमीटर होगी और गोरखपुर-वाराणसी एनएच-29 पर गाजीपुर के जंगीपुर के पास से शुरू होकर गुजरेगा। यह परियोजना लगभग 5 हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होगी।
गाजीपुर के तहसील सदर और मोहम्मदाबाद से होते हुए बलिया की सीमा में प्रवेश करेगा। इसके साथ ही तहसील सदर के 72 और बैरिया के 16 गांवों से होकर गुजरेगा और मांझी घाट पुल से जुड़ा होगा। मांझीघाट पर जयप्रभा सेतु से सटे एक और दो लेन वाले पुल का निर्माण होगा। विभाग ने दावा किया है कि मार्च 2022 से पहले भूमि की खरीद पूरी हो जाएगी। अप्रैल 2022 से ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। परियोजना को तीन साल में पूरा करना था। हालांकि, अप्रैल से कार्य शुरू करना मुश्किल हो रहा है। इन गांवों से जमीन की खरीद की प्रारंभिक चरण में होगी।
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सदर और बैरिया तहसील के किसानों से लगभग 765 हेक्टेयर भूमि किसानों से खरीदी जाएगी। भूमि खरीद के लिए थ्री डी का प्रकाशन पहले ही हो चुका है। इसके बीच में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से ग्रीनफील्ड को जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी कराया जाएगा। इसके लिए यूपीडा भूमि खरीदेगी और एनएचएआई इसका निर्माण करेगी। साथ ही, रिविलगंज में फोरलेन बाईपास का निर्माण होगा जो ग्रीनफील्ड से जुड़ेगा। इसके लिए लगभग 126 करोड़ भूमि अधिग्रहण की मंजूरी प्राप्त हुई है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है।
वर्ष 2022-23 में इस बाईपास के सिविल कार्य को सौंपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, बलिया में भी एक बाईपास बनेगा। यह जानकारी संसद में सांसद नीरज शेखर के उत्तर प्रदेश में मंत्री वीके सिंह द्वारा दी गई थी। जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया है कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए सीमांकन कार्य जल्द ही शुरू हो सकता है। अभी इसके लिए टीम की आगमन की सूचना नहीं मिली है, लेकिन कार्य शीघ्र ही आरंभ होने की पूरी उम्मीद है।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का भूमि अधिग्रहण, जो एक महत्वपूर्ण परियोजना है, भारतीय सरकार द्वारा शुरू की गई है। यह उच्च गति वाली और सुरक्षित सड़क योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य शहरों के बीच यातायात को बेहतर बनाना है। इसके भूमि अधिग्रहण की प्रारंभिक योजना तिथि के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है।
इस एक्सप्रेस-वे भारतीय सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण परियोजना है। यह उच्च गति और अद्वितीय सुविधाओं के साथ एक आधुनिक और विशेष सड़क है जो देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने का उद्देश्य रखती है। इसमें सड़क का अधिग्रहण एक महत्वपूर्ण चरण है जो इस परियोजना के विकास को प्रगति के दिशा में ले जाने के लिए आवश्यक है। इस लेख में हम ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण की योजना के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और अधिग्रहण की तिथि का विवरण देंगे।
भूमि अधिग्रहण की योजना
भूमि अधिग्रहण की योजना कई पहलुओं पर आधारित होगी। पहले, सरकार इस परियोजना के लिए उच्च गति वाली और सुरक्षित सड़क के लिए स्थान का चयन करेगी। इसके लिए भू-सर्वेक्षण और भू-मापन की प्रक्रिया को संपन्न किया जाएगा।
दूसरे, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की योजना में पर्यावरणीय प्रभावों का महत्वपूर्ण ध्यान दिया जाएगा। यह समुद्र तटों, वनस्पति, और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को सुनिश्चित करेगा। समुदायों और प्राकृतिक संसाधनों की सहमति भी लिया जाएगा ताकि उनकी हितों का सम्मान किया जा सके।
तीसरे, भूमि अधिग्रहण की योजना में कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। यह आवश्यक मानदंडों, नियमों, और अधिकारिक प्रक्रियाओं के अनुसार होगा। संबंधित सरकारी अधिकारियों द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए आवश्यक मंजूरी प्राप्त की जाएगी।
भूमि अधिग्रहण की योजना के अनुसार स्थानीय प्रशासन, सरकारी विभागों, और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए संबंधित उपाय और सुरक्षा कार्यक्रमों की योजना बनाई जाएगी। इससे संभावित प्रभावों का मूल्यांकन किया जाएगा और उचित निपटान की योजना तैयार की जाएगी।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के महत्व
भारतीय सड़क परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है जो भारतीय सरकार द्वारा अभियांत्रिकी और वाणिज्यिक मामलों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य शहरों के बीच यातायात को सुगम और तेज बनाना है ताकि व्यापार, वित्तीय कार्य, और व्यवसायिक गतिविधियों में वृद्धि हो सके।
इस एक्सप्रेस-वे का महत्व विभिन्न कारणों से प्राप्त होता है। पहले, यह वाहनों के लिए आसान पहुंच सुनिश्चित करेगा, जिससे यातायात का बोझ कम होगा और समय की बचत होगी। दूसरे, यह परियोजना व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा प्रदान करेगी। तीसरे, इससे आधुनिकीकरण के लिए जरूरी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, जैसे कि सड़क सुरक्षा, पारितंत्रिकता, और साधारण जनता की सुविधा।
इस से अन्य जनपदों और शहरों के साथी राज्यों के बीच बेहतर यातायात के साथ ही आर्थिक विकास की गति भी बढ़ेगी। यह परियोजना अग्रणी अभियांत्रिकी उद्योगों, बाजारों, और उद्यमिता के लिए एक बड़ा अवसर साबित होगी, जो देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
अधिग्रहण की तिथि का विवरण
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण की तिथि का निर्धारण सवाल का मुख्य हिस्सा है। इस तिथि का निर्धारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है और विभिन्न पाठ्यक्रमों, विपणन संरचनाओं, और प्राकृतिक पर्यावरण के मामलों को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। इसके अलावा, स्थानीय समाज, लोगों के मत, और संबंधित स्थानीय संगठनों की सलाह भी इस निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
भूमि अधिग्रहण की विवरण तथ्यों के आधार पर अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। सरकार द्वारा यह प्रक्रिया संबंधित संगठनों, विशेषज्ञों, और अन्य संघों के साथ समझौता करके संपन्न की जाएगी। इस प्रक्रिया में कई चरण होते हैं, जिनमें भू-सर्वेक्षण, भू-मापन, आंकड़े और समीक्षा, और कानूनी प्रक्रिया शामिल होती है।
इस प्रक्रिया के दौरान, संबंधित सरकारी अधिकारियों को प्राथमिकता दी जाती है ताकि वे भूमि अधिग्रहण की तिथि को निर्धारित कर सकें। इसमें कई कारणों का ध्यान रखा जाता है, जैसे कि पर्यावरणीय प्रभाव, स्थानीय समुदाय की सहमति, और विधिक मामले।
इस एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण की तिथि के बारे में नवीनतम जानकारी प्राप्त करने के लिए, संबंधित सरकारी विभागों या स्थानीय प्रशासन से संपर्क करना सर्वोत्तम होगा। वे आपको अधिकारिक और अद्यतनित जानकारी प्रदान कर सकते हैं जो आपकी सहायता करेगी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण की तिथि के बारे में जानने में।
अधिग्रहण की प्रक्रिया
एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया एक सावधानीपूर्वक नियोजित और मंत्री संगठन द्वारा प्रबंधित की जाती है। यह प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों पर आधारित होती है:
भूमि का प्राथमिक निर्धारण: पहले चरण में, समायोजित भूमि के निर्धारण के लिए विभिन्न तकनीकी, सामाजिक, और आर्थिक मापदंडों का उपयोग किया जाता है। संबंधित अधिकारियों के द्वारा समीक्षा की जाती है और भूमि के मालिकाना हक की जांच की जाती है।
अधिग्रहण के लिए समझौते: उचित भूमि का प्राथमिक निर्धारण होने के बाद, सरकारी अधिकारी और संबंधित पक्षों के बीच समझौते किए जाते हैं। इसमें भूमि की कीमत, मुआवजा, भूमि के अंचलिक प्रभाव, और संबंधित कानूनी मुद्दों के बारे में समझौता होता है।
समन्वय: समझौते के बाद, भूमि अधिग्रहण के लिए संबंधित पक्षों के बीच समन्वय किया जाता है। इसमें अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले स्थानीय प्रशासन, पर्यावरणीय नियम, और अन्य उचित समन्वय सामग्री शामिल होती है।
अधिग्रहण की पुष्टि: समन्वय के बाद, अधिग्रहण प्रक्रिया की पुष्टि की जाती है। संबंधित प्राधिकारियों और न्यायिक प्रक्रियाओं के माध्यम से भूमि की विधियां, दस्तावेज़ों, और सम्बंधित अनुमतियों की पुष्टि की जाती है।
अधिग्रहण का प्राप्त करना: अंतिम चरण में, अधिग्रहण के लिए भूमि का प्राप्त होना होता है। सरकारी अधिकारियों द्वारा उपयुक्त प्रक्रिया अनुसरण की जाती है और भूमि की पंजीकरण और प्राधिकरण कार्रवाई की जाती है।
इस प्रकार, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया नियमित और संबंधित अधिकारियों के माध्यम से संपन्न होती है ताकि इस परियोजना के विकास में कोई अविचलन न हो।
अधिग्रहण से संबंधित मुद्दे और चुनौतियाँ
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण से संबंधित कुछ मुद्दे और चुनौतियाँ हो सकती हैं:
- मालिकाना हक का सम्मान: अधिग्रहण के दौरान मालिकाना हक का सम्मान रखना मुख्य मुद्दा हो सकता है। कुछ भूमि मालिकों को अपनी जमीन का अधिग्रहण करने के लिए उचित मुआवजा और संबंधित आदेश देना महत्वपूर्ण होगा।
- सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव: भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले स्थानीय समुदायों और पर्यावरण पर ध्यान देना भी आवश्यक है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि परियोजना न केवल सड़क सुविधाओं को बढ़ाती है, बल्कि स्थानीय जनता के जीवन और पर्यावरण को भी प्रभावित नहीं करती है।
- कानूनी मुद्दे: कानूनी मुद्दे भी अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान उठ सकते हैं। इसमें भूमि कानून, पंजीकरण प्रक्रिया, और अनुमति प्राप्ति संबंधित चुनौतियाँ शामिल हो सकती हैं।
- संगठन और प्रबंधन: विभिन्न संगठनों के बीच संगठन और प्रबंधन में समन्वय और सहयोग की चुनौती हो सकती है। सरकारी विभागों, निजी कंपनियों, और स्थानीय प्रशासनों के बीच अच्छी समझौता करना और संबंधित अनुमतियों को प्राप्त करना महत्वपूर्ण होगा।
इन मुद्दों और चुनौतियों का समुचित समाधान और समन्वय होना आवश्यक है ताकि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण में कोई अविघटन न हो और परियोजना सफलतापूर्वक पूर्ण हो सके।
एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण का परिणाम इस परियोजना के विकास को प्रगति के दिशा में ले जाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। भूमि अधिग्रहण के बाद, निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि एक्सप्रेस-वे एक अद्वितीय और आधुनिक सड़क के रूप में उभरेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि यातायात की सुविधा में सुधार हो, व्यापार को बढ़ावा मिले, और क्षेत्रीय और राष्ट्रीय यात्रा को सुगमता के साथ आगे बढ़ाए। इसके अलावा, यह पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित करेगी और सड़क सुरक्षा मानकों का पालन करेगी।
सारांश करते हुए, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण की योजना महत्वपूर्ण है जो इस महत्वपूर्ण सड़क परियोजना के विकास में एक महत्वपूर्ण चरण है। भूमि अधिग्रहण की तिथि निर्धारित करने के लिए विभिन्न पहलुओं का ध्यान रखा जाता है और इसके परिणामस्वरूप यह सुनिश्चित करेगा कि परियोजना अवश्य समय पर पूर्ण हो। इससे एक उच्च गति और सुरक्षित सड़क के रूप में सम्पन्न होगी और देश के आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।