पूरे देश में सावन मास के आगमन के साथ ही उत्साह अपने चरम पर पहुंच रहा है। यह महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है और इसे भोले के भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है, जहां वे 1 महीने तक भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग की पूजा-अर्चना करते हैं। इन 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे यह अपने आप में एक रिकॉर्ड बनाता है।
4 जुलाई से शुरू होने वाले श्रावण मास के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। सावन के महीने में करोड़ों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए बनारस आते हैं। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन लगातार नियमों में बदलाव करता जा रहा है। हर वर्ष की तरह इस साल भी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन ने सुगम दर्शन के साथ-साथ अन्य प्रकार की पूजा के लिए ली जाने वाली मूल्य राशि में बढ़ोतरी कर दी है। शुल्क बढ़ाने के पीछे मंदिर प्रशासन का अपना तर्क है, लेकिन इस बार भक्तों के लिए काशी विश्वनाथ दर्शन महंगा हो गया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने इसी सोच के साथ, सावन मास की तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए कल एक नई शुल्क सूची जारी की है, जिसमें सावन मास में बाबा भोलेनाथ की पूजा के लिए कितना पैसा देना होगा और आरती के लिए कितना पैसा देना होगा, इन सभी विषयों की सूची शामिल की गई है।
मंगला आरती और सुगम दर्शन की दर डबल हुई
मंदिर प्रशासन ने शनिवार को दरों की बढ़ी हुई सूची जारी कर दी है। सुगम दर्शन के साथ ही इस बार मंगला आरती की दरों में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। नई रेट लिस्ट के अनुसार, अब सुगम दर्शन के लिए 500 रुपये की बजाय 300 रुपये देने होंगे। मंगला आरती के लिए 1000 रुपये की बजाय 500 रुपये लगेंगे। मंदिर के सीईओ, सुनील कुमार वर्मा के अनुसार, सावन के आठवे सोमवार को दरों में अधिक वृद्धि होगी। सोमवार को सुगम दर्शन के लिए 750 और मंगला आरती के लिए 2000 रुपये देने पड़ेंगे। मध्याह्न आरती, भोग, सप्तर्षि आरती, रात्रि शृंगार आरती के लिए पूरे 500 रुपये देने होंगे।
ध्यान दें कि यह रेट केवल सावन के लिए है। अन्य दिनों में रेट 300 रुपये है। रुद्राभिषेक के रेट की बात करें तो एक शास्त्री से रुद्राभिषेक कराने के लिए 700 रुपये और 5 शास्त्रियों से रुद्राभिषेक के लिए 2100 रुपये देने होंगे। संन्यासी भोग के लिए सोमवार को 7 हजार 500 रुपये लगेंगे। अन्य दिनों में 4 हजार 500 रुपये देने पड़ेंगे। सुगम दर्शन का शुल्क देने के बाद भक्तों को लाइन में नहीं खड़े रहने की जरूरत नहीं पड़ती साथ ही दर्शन के बाद उन्हें प्रसाद का बॉक्स भी दिया जाता है।
इस बार सावन में दस शृंगार होंगे
मंदिर प्रशासन के सीईओ सुनील वर्मा के अनुसार पिछले साल सावन के दौरान 1.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए थे। इस बार भी सावन में करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। इतनी बड़ी संख्या को संगठित करने के लिए एक समय में बहुत सारे संसाधनों का उपयोग करना पड़ता है, इसलिए सावन के महीने में शुल्क सेवाओं में किराया बढ़ा दिया गया है। सावन अवधि के बाद सामान्य दिनों की तरह ही दर्शन शुल्क लिया जाएगा।
इसके साथ ही पूरे श्रावण मास में काशी बाबा विश्वनाथ का दसवां श्रृंगार भी होगा। 10 जुलाई को सावन के प्रथम सोमवार को बाबा विश्वनाथ की चाल प्रतिमा का श्रृंगार, दूसरे सोमवार 17 जुलाई को गौरी-शंकर का, तीसरे सोमवार को अमृत वर्षा श्रृंगार, चौथे सोमवार को भागीरथी श्रृंगार और मासिक पूर्णिमा श्रृंगार होगा। 5वें सोमवार को तपस्यारत पार्वती श्रृंगार, छठे सोमवार को शंकर पार्वती गणेश श्रृंगार, 7वें सोमवार को अर्धनारीश्वर, 8वें सोमवार (28 अगस्त) को रुद्राक्ष और 31 अगस्त दिन गुरुवार को वार्षिक झूला श्रृंगार किया जाएगा।
विश्वनाथ दर्शन को "वाटर वे" खोलने पर भी विचार
इस साल सावन में शिव भक्तों को बाबा विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचाने के लिए अस्सी और नमो घाट का 'वाटर वे' उद्घाटन हो सकता है। भक्त इस स्थान से 15-20 मिनट में काशी विश्वनाथ धाम तक पहुंच सकेंगे। सावन के पहले इन रूटों पर डीजल इंजन वाली वाटर टैक्सी की भी शुरुआत की जा सकती है।