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गाजीपुर के 87 और बलिया के 98 राजस्व गांवों से होकर गुजरेगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे

गाजीपुर जिले के जंगीपुर से छपरा के रिविलगंज तक बनने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। कुल 60 मीटर चौड़ी फोरलेन सड़क होगी। एनएचएआई की ओर से टेंडर भी फाइनल किया जा चुका है और एजेंसियों के एग्रीमेंट की कार्रवाई अंतिम दौर में है। कुल तीन एजेंसियां अलग-अलग चार हिस्से में कार्य शुरू करेगी। गाजीपुर और बलिया के राजस्व विभाग की ओर से 90 फीसदी जमीन रजिस्ट्री कराई गई है। अब एनएचएआई की ओर से जमीनों को चिह्नित करने का काम शुरू किया गया है।

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चार लेन की 117.12 किमी लंबी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे व 17 किमी लंबी फोरलेन लिंक रोड परियोजना को जमीन पर उतारने की पहल शुरू हो गई है। जनपद के जंगीपुर से छपरा के रिविलगंज तक बनने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे व ऊंचाडीह से बक्सर, बिहार तक फोरलेन लिंक निर्माण के लिए अधिग्रहण के क्रम में 90 फीसदी भूमि की रजिस्ट्री हो चुकी है। एनएचएआई की ओर से टेंडर फाइनल किया जा चुका है और एग्रीमेंट का कार्य चल रहा है जो जल्द ही पूरा हो जाएगा।

एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे को चार पैकेज में बांटा गया है। कुल तीन एजेंसियां चार हिस्से में कार्य शुरू करेगी। इसमें एक एजेंसी के जिम्मे दो पैकेज होगा। अधिकांश जमीनों की रजिस्ट्री के बाद अब एनएचएआई की ओर भौतिक सत्यापन किया जा रहा है और अलग-अलग स्थानों पर आरओडब्लू का कार्य शुरू कर दिया गया है।

विभागीय अधिकारी के अनुसार सेंटर से बाएं व दाएं 30-30 मीटर जमीन अधिग्रहित की गई है। आरओडब्लू के तहत जमीनों के चिह्नांकन का कार्य शुरू किया गया है ताकि किसी तरह के विवाद होने पर उसका निस्तारण किया जा सके। उधर, निर्धारित की गई एजेंसियों के एग्रीमेंट का कार्य भी अंतिम दौर में है।

गाजीपुर के 87 और बलिया के 98 गांवों से होकर गुजरेगा ग्रीनफील्ड

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे जनपद के 87 व बलिया के 98 राजस्व गांवों से होते हुए बलिया के मांझी घाट को पार कर बिहार की सीमा में प्रवेश करेगी। इस एक्सप्रेस वे के लिए सदर तहसील के 22, मुहम्मदाबाद के पांच और कासिमाबाद तहसील के 22 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। इसके अलावा बलिया में सदर तहसील के 82 और बैरिया के 16 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है।

पेड़-पौधे लगाने के साथ तालाबों और अन्य जल स्त्रोतों का होगा संरक्षण

ग्रीनफील्ड के दोनों तरफ पेड़ लगाए जाएंगे। साथ ही परियोजना के आसपास के तालाब, नदी समेत अन्य जल स्त्रोतों का संरक्षण भी किया जाएगा। जिससे पूरी परियोजना के चारों ओर पर्यावरण का विशेष आवरण बना रहे। इसके साथ ही परियोजना के किनारे विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) और ट्रांसपोर्ट हब बनाने की भी योजना है। माना जा रहा है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे को जोड़ने के दौरान ही उस क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट हब निर्मित होगा।

पूर्वोत्तर राज्यों से बढ़ेगी कनेक्टिविटी, बढ़ेगा व्यापार

गाजीपुर, बलिया होते बिहार के रिविलगंज तक बनने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे व ऊंचाडीह से बक्सर बिहार में फोरलेन तक लिंक रोड बनने से सुविधाओं में काफी इजाफा होगा। यूपी व बिहार के महानगरों में जाना-आना जहां आसान हो जाएगा वहीं, झारखंड, असम, कोलकाता तक की कनेक्टिविटी मजबूत होगी। इससे व्यवसायिक गतिविधियों में भी इजाफा होगा। 

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे भी ग्रीनफील्ड की कनेक्टिविटी होने से गाजीपुर, बलिया, छपरा और बक्सर का क्षेत्र इंटर कनेक्टेड होगा। इससे आवागमन में काफी सहूलियत मिलेगी। इससे आने वाले दिनों में इस क्षेत्र की सब्जी, अनाज, दूध समेत अन्य प्राथमिक उत्पाद तेजी से बड़े शहरों को भेजा जा सकेगा। और वहां के माल तेजी से छोटे शहरों की ओर आ सकेंगे।

जनपदों से जमीनों के अधिग्रहण की सूचना के आधार पर आरओबी का कार्य शुरू है। चयनित एजेंसियों के एग्रीमेंट का कार्य अंतिम दौर में है। भौतिक सत्यापन होने के बाद निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा।

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