गाजीपुर के सोनवल स्थित नए रेलवे स्टेशन परिसर में रात के पहर रोशनी के लिए करीब 15 लाख की लागत से लगाई गई हाईमास्क लाइटें महकमें की उदासीनता के कारण पूरे दिन जलती हैं। इस तरफ किसी रेलवे के कर्मचारी या अधिकारी का ध्यान नहीं जाता है, जबकि यहां आए दिन महकमें के बड़े अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है।
लोगों ने बताया कि दिन में भी रेलवे की यह हाईमास्क स्ट्रीट लाइटें सूरज को रोशनी दिखा रहीं हैं, जो लापरवाही की हदें पार कर रहा है। मालूम हो कि एक तरफ सरकार बिजली की खपत को कम करने को लेकर कोशिश कर रही है, ताकि इसका आपात परिस्थितियों में उपयोग किया जा सके।
जवाब नहीं दे सके अधिकारी
वहीं रेलवे जो दूसरों को नियमों के पालन करने की दुहाई देता है और उसके उल्लंघन पर कानून का डंडा चलाता है। जब बात खुद पर आती है तो जिम्मेदार कोई भी ठोस और संतोषजनक जबाब देने और कार्रवाई की जगह बहाना ढूंढने लगते हैं। लोगों ने कहा कि जब रात के पहर में इनके प्रकाश की जरूरत होती है तो परिसर अंधेरे में डूबा रहता है। इस सम्बन्ध में आरवीएनएल के सीनियर सेक्शन इंजीनियर संजय कुमार ने बताया कि उन्हें दिन में लाइटें जलने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो उसे दिखवाकर तुरंत बंद करवा दिया जाएगा।