गाजीपुर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय तृतीत संजय कुमार की अदालत ने करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के चक फातिमा में हुए हत्या व डकैती के मामले में चार अभियुक्तों को 10 वर्ष की जेल और अर्थदंड की सजा सुनाई है।
घटना 25 व 26 फरवरी 1996 की रात्रि का है। जिसमें थाना करीमुददीनपुर क्षेत्र के चकफातिमा गांव के वादी मुुकदमा अवधेश कुमार श्रीवास्तव ने थाना में तहरीर दिया कि उस रात में मेरे पिता बाहर मड़ई में सो रहे थे। मेरा भाई अखिलेश्वर कुमार बगल के कमरे में सो रहा था। करीब 12 बजे रात्रि में लगभग 15 बदमाश मेरे पिता को चारपाई में बांधकर घर का दरवाजा तोड़कर घर के अन्दर लूट पाट करने लगे।
अखिलेश्वर कुमार, चाची जानकी देवी, मां लालमुनी देवी विरोध करने लगे तो बदमाश कटटे व छुरे से मेरे भाई को मार दिया। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। मां तथा चाची को लाठी डंडा एवं चाकू से मारा गया जिसके बाद पीछे के दरवाजे से निकल कर गांव में जाकर शोर किया।
तब गांव के लोग टार्च व डंडा से लैस होकर आए। प्रतिरोध के बावजूद बदमाश जेवर, कपड़ा, साड़ी एनएससी बांड तथा बैक पासबुक लेकर चले गये। पुलिस ने जांच के बाद 10 अभियुक्तों शिवकुमार, रासबिहारी, रामप्रसाद, दीनानाथ, रामजी बिन्द, भीम बिन्द, हनुमान, रामव्यास, कामता भर, नर्वदेश्वर गिरी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की बहस को सुनने के बाद अदालत ने कामता भर, भीम बिन्द, रामजी बिन्द, दीनानाथ भर को दोषी पाते हुए दस वर्ष कारावास एवं दस हजार अर्थदंड एवं रामजी बिन्द तथा दीनानाथ को एक वर्ष कारावास एवं 1500 रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।