आगामी नगर पंचायत चुनाव को लेकर सैदपुर नगर में राजनैतिक सरगर्मी तेज हो गई है। विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें शुरू कर दी गईं हैं। आरक्षण अनुसार सभासद और चेयरमैन पद के लिए अपनी अपनी दावेदारी को लेकर पार्टी कार्यकर्ता अपने समर्थकों के साथ नगर में डोर टू डोर पहुंचकर जन समर्थन जुटाने में लग गए हैं। चाय पान की दुकानों पर आरक्षण को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका है। सबकी निगाह पद के आरक्षण पर टिकी है।
बता दें कि सैदपुर नगर पंचायत चुनाव में सभी 15 वार्डों के मतदाताओं को मिलाकर कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 20 हजार थी। जिसमें इस बार 456 नए मतदाता भी जुड़ गए हैं। साल 2017 में अध्यक्ष पद के लिए सामान्य महिला आरक्षण के तहत बसपा प्रत्याशी सरिता सोनकर ने 4129 मत प्राप्त किया था।
पिछली बार बसपा से सरिता सोनकर विजयी थीं
इस तरह सरिता सोनकर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी प्रत्याशी अनीता बरनवाल को 804 वोटों के अंतर से हरा दिया था। 12 दिसंबर को वर्तमान बसपा चेयरमैन सरिता सोनकर ने शपथ लिया था। जबकि बोर्ड की पहली बैठक 12 जनवरी को हुई थी।
शपथ ग्रहण या बोर्ड की पहली बैठक से जुड़ेगा नगर पंचायत का कार्यकाल
आगामी चुनाव की तारीखों को लेकर इस बात पर चर्चा है कि नगर पंचायत का वर्तमान कार्यकाल यदि शपथ ग्रहण से जोड़ा जाएगा। तो 11 दिसंबर को वर्तमान कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। यदि वर्तमान नगर पंचायत का कार्यकाल बोर्ड की पहली बैठक 12 जनवरी से जोड़ा जाएगा तो वर्तमान नगर पंचायत का कार्यकाल आगामी 11 जनवरी को समाप्त माना जाएगा। इसी बात को लेकर राजनीतिक विश्लेषक यह मान रहे हैं कि नगर पंचायत का चुनाव हर हाल में अगले वर्ष 12 जनवरी के पूर्व तक राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा संपन्न करा दिया जाएगा।
फर्जी नियुक्ति प्रकरण को लेकर भाजपा के हाथ से निकला सैदपुर नगर पंचायत
लगातार तीन कार्यकाल तक कांग्रेस के कब्जे में रहने के बाद सैदपुर नगर पंचायत पर लगातार चार कार्यकाल के 20 वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा। जो वर्ष 2012 तक कायम रहा। अंत में भाजपा के तत्कालीन चेयरमैन हरीनाथ सोनकर के कार्यकाल के दौरान उठे नियुक्ति प्रकरण के फर्जीवाड़े को लेकर सैदपुर की नाराज जनता ने वर्ष 2012 के चुनाव में कौमी एकता दल के प्रत्याशी शशि सोनकर को नगर पंचायत अध्यक्ष चुन लिया। इसके बाद वर्ष 2017 के चुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। फिर तत्कालीन चेयरमैन शशि सोनकर की पत्नी सरिता सोनकर बसपा की टिकट पर जीतकर नगर पंचायत अध्यक्ष बनीं।
टिकट मांगने वालों की हैं। अधिकता से भाजपा में बढ़ी गुटबाजी
साल 2014 से नरेंद्र मोदी की प्रचंड लहर के बीच 2017 में भाजपा की लहर को देखते हुए सैदपुर नगर पंचायत चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी से टिकट की लाइन में एक दर्जन भाजपा कार्यकर्ता मैदान में थे। लेकिन अंत में सलेक्शन कमेटी के सदस्य का इस्तीफा लेकर, उनकी पत्नी को टिकट दे दिए जाने से कई कार्यकर्ताओं में नाराजगी फैल गई।
जिसकी परिणति में भारतीय जनता पार्टी को बड़े अंतर से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। यही हाल इस बार भी है। पार्टी से टिकट मांगने वालों की ज्यादा संख्या को देखते हुए टिकट ना मिलने की स्थिति में एक बार फिर पार्टी की गुटबाजी खुलकर सामने आ सकती है।