जमानियां क्षेत्र में अधिकारियों की लापरवाही के चलते बाल विकास परियोजना बेअसर साबित हो रहा है। इतना ही नहीं, बहुत ऐसे केन्द्र हैं जिनकी हालत खस्ताहाल है। जबकि बहुत सारे केंद्र तो किराए के मकान में या परिषदीय स्कूलों में संचालित हो रहे हैं। आज भास्कर की टीम जांच के लिए बेटावर खुर्द गांव पहुंची। यहां पर सुबह 9 बजे तक केन्द्र पर ताला लटका रहा था। इसके अलावा उधरनपुर में भी 10 बजे तक केन्द्र पर किसी का पता नहीं था। वहां भी ताला लटक रहा था।
50 हजार से ज्यादा बच्चे हैं पंजीकृत
स्थानीय जय पांडेय, सुरेन्द्र राम, शिवजी, संतोष कन्नौजिया, मुन्ना, प्रेम उपाध्याय आदि ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र रोजाना नहीं खुलता है। ऐसे में जब विभाग ही खुद बीमार है तो कुपोषण पर कैसे रोकथाम लगाई जा सकेगी।
बता दें कि जमानियां क्षेत्र में वर्तमान समय में 505 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जिनमें से मात्र 55 खुद का भवन, 296 प्राथमिक विद्यालय, 20 पंचायत भवन, 12 माध्यमिक, जबकि 128 किराये के भवन में केन्द्र संचालित होते हैं। इनमें कुल 53 हजार 364 नौनिहाल पंजीकृत हैं। जिनमें से 2456 कुपोषित और 270 अति कुपोषित हैं।
सिर्फ कागजों पर हो रहा संचालन
ग्रामीणों का कहना है कि विभाग अपने उद्देश्य से भटका हुआ नजर आ रहा है। केंद्रों का संचालन भी कागजों पर ही किया जा रहा है। जिम्मेदार अगर केन्द्र का निरीक्षण करते तो शायद शासन की योजनाओं का लाभ लोगों को मिल पाता।
मामले में डीपीओ दिलीप कुमार पांडेय ने बताया कि केन्द्र के समय से न खुलने, पोषाहार आदि का वितरण मनमाने तरीके से किए जाने की जांच की जाएगी। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।