ताड़ीघाट-बारा नेशनल हाईवे- 124सी पर ओवर स्पीड की बात करना भूल ही जाइए। इस पर सामान्य गति से चलने पर भी डर लगता है। वजह नवनिर्मित हाईवे पर जगह-जगह दरारें आ गई हैं। करीब 228 करोड़ रुपये की लागत से बने इस हाइवे पर तमाम जगहों पर काफी उछाल है। इससे सफर में हादसा होने का डर रहता है। यह मार्ग पहले स्टेट हाईवे-99 था। एक वर्ष पूर्व इसे नेशनल हाईवे-124सी कर दिया गया है। नवनिर्मित इस हाईवे पर करीब तीन साल में कई बार मरम्मत का दौर चला। पैचिग आदि कराने से ब्रेकर जैसे हालात बन गए हैं।
आरसीसी निर्माण के कुछ दिन बाद 39 किलोमीटर लंबे मार्ग पर दरारें पड़नी शुरू हो गई और कई जगह गहरे जानलेवा गड्ढे हादसे का सबब बन गए। कर्मनाशा पुल से आगे बढ़ते ही हाईवे पर जानलेवा गड्ढे का सामना करना पड़ सकता है। वहीं बारा, गहमर, करहियां, भदौरा के सामने भी ऐसे ही हालात हैं। हाईवे किनारे पटरी निर्माण अभी तक करवाया ही नहीं गया है। मार्ग किनारे नाला निर्माण भी अधूरा पड़ा हुआ है।
इसके अलावा तमाम जगहों पर पैचिग का कार्य होने से उछाल देखने को मिलता है। निर्माण के दौरान काम रुकने और दूसरे दिन दोबारा शुरू होने पर संबंधित स्थान पर जोड़ बन गए हैं। सड़क के आरसीसी ब्लाकों को मिलाने में भी मानकों की अनदेखी हुई है। इससे तेज रफ्तार वाहन एकाएक उछल जाते हैं। हाईवे पर यातायात बढ़ने तथा तेज रफ्तार वाहनों के आने पर हादसे की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।