कोरोना के कारण कारोबार व बाजार के बदले ट्रेंड के बीच उत्तर प्रदेश सरकार देश का पहला वर्चुअल मॉल खोलने जा रही है। इस वर्चुअल एग्जीविशन मॉल में एक बार में करीब एक हजार दुकानें (स्टाल) नजर आएंगी। जुलाई से यह इस मॉल के माध्यम से कारोबारी गतिविधियां शुरू कर देने की तैयारी है। मॉल के आकार, संचालन आदि को अंतिम रूप देने का काम अगले दो-तीन दिन में पूरा कर लिया जाएगा। शनिवार को इस संबंध में राज्य सरकार के अधिकारियों तथा फिक्की के पदाधिकारियों की बैठक रखी गई है।
घर बैठे व्यापारी कर सकेंगी खरीद-बिक्री
इस एग्जीविशन मॉल के से देश-विदेश के कारोबारी घर बैठे आर्डर देकर अपने उत्पादों को खरीद-बिक्री सकेंगे। मॉल को खोलने और संचालन में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) का सहयोग लिया जा रहा है। वर्चुअल मॉल का खाका सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग ने चार माह पहले खींचा था। कोरोना से प्रभावित निर्यात को विशेष ध्यान में रखते हुए इस योजना पर काम शुरू किया गया। इसके लिए पिछले वर्ष कोरोना अवधि में सरकार द्वारा आयोजित वर्चुअल एग्जीविशन प्रेरणा का माध्यम बने थे।
24 घंटे खुला मिलेगा यह वर्चुअल मॉल
यह वर्चुअल मॉल ऑनलाइन कारोबार का ऐसा प्लेटफार्म होगा, जहां पर खरीदार और विक्रेता अपनी सुविधा से किसी भी समय कारोबारी लेन-देन कर सकेंगे। निर्यातकों के लिए यह यूनिक प्लेटफार्म होगा। विदेशों में जब कारोबारी गतिविधियां संचालित होती हैं, उस समय वह इस मॉल पर अपनी सक्रियता अधिक रख सकेंगे। इसका सबसे अधिक लाभ ओडीओपी, एमएसएमई, खादी एवं ग्रामोद्योग के साथ ही राज्य के अन्य उत्पादों के निर्माता, विक्रेता और निर्यातकों को होगा।
फिक्की के प्लेटफार्म का प्रयोग होगा मॉल के संचालन में
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. नवनीत सहगल का कहना है कि फिक्की को इस योजना से जोड़ा गया है। फिक्की के प्लेटफार्म को इस वर्चुअल एग्जीविशन मॉल के लिए प्रयोग में लिया जाएगा। सहगल के मुताबिक जून के अंतिम सप्ताह या जुलाई के पहले सप्ताह में यह मॉल खुल जाएगा।
स्टालों के आवंटन में रहेगी चक्रीय व्यवस्था
एक बार में करीब 1000 स्टाल इस मॉल में नजर आएंगे। स्टाल आवंटन में चक्रीय व्यवस्था लागू की जाएगी। जिससे अधिक से अधिक शिल्पियों, कारीगरों, उत्पादकों, निर्यातकों को इस प्लेटफार्म से कारोबार करने का मौका मिल सके। इसका सबसे अधिक लाभ निर्यातकों को होगा। विदेशी खरीदारों को वह इस मॉल के माध्यम से उत्पाद ना सिर्फ दिखा सकेंगे बल्कि सीधा संवाद स्थापित कर आर्डर भी ले सकेंगे।
थ्रीडी तकनीकी से डिस्प्ले होंगे मॉल में बिक्री के लिए रखे उत्पाद
वर्चुअल मॉल थ्रीडी तकनीकी पर आधारित होगा। मॉल के स्टालों पर बिक्री के लिए प्रदर्शित उत्पादों की प्रदर्शन थ्रीडी तकनीकी से बहुत स्पष्ट होगी। मॉल के अस्तित्व में आ जाने पर इस प्लेटफार्म के माध्यम से अन्य कारोबारी गतिविधियों को भी सरकार प्रोत्साहित करेगी। कारोबारी सुगतमा में मॉल मील का पत्थर साबित होगा।
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