उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया और पूबर्व विधायक मुख्तार अंसारी की पेशी अब बाराबंकी में शुरू होगी। कोर्ट ने फर्जी पते पर एंबुलेंस रजिस्ट्रेशन के मामले में 14 जून को माफिया अंसारी को तलब किया है। इस मामले में कोर्ट ने वारंट भी जारी कर दिया है।
31 मार्च को एंबुलेंस का मामला आया था चर्चा में
पूर्वांचल के माफिया व विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब जेल से 31 मार्च को मोहाली कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाया गया था। इस दौरान उसे जिस एंबुलेंस से कोर्ट में ले जाया गया था वह एंबुलेंस बाराबंकी से पंजीकृत थी। मामला जब सुर्खियों में आया तो बाराबंकी प्रशासन ने इसकी पड़ताल शुरू की। जिस पर पाया गया कि एंबुलेंस डॉ अलका राय के रफी नगर स्थित बने वोटर आईडी के आधार पर पंजीकृत की गई थी। प्रशासन ने जांच पड़ताल के बाद वोटर आईडी को फर्जी पाया।
यही नहीं एंबुलेंस का वर्ष 2012 से फिटनेस का रिनीवल भी नहीं हुआ था जिस पर एआरटीओ द्वारा नोटिस भी जारी की गई थी। जिस पर एआरटीओ द्वारा शहर कोतवाली में पंजीकरण कराने वाली मऊ के एक हॉस्पिटल की संचालिका डा.अलका राय के खिलाफ मुकदमा दिखाया गया था। इसे लेकर एसपी ने एसआईटी का गठन किया था। जांच के बाद इस मामले में गठित एसआईटी ने मऊ जिले के श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की संचालिका डॉ.अलका राय, निदेशक शेषनाथ राय आदि चार लोगों को जेल भेजा था।
कोर्ट ने 14 जून को मुख्तार को किया तलब
एंबुलेंस प्रकरण में मई माह में एसआईटी की टीम ने बांदा जनपद के जेल में जाकर मुख्तार अंसारी से 2 दिन लगातार पूछताछ की थी। कोर्ट में पुलिस ने बताया कि एआरटीओ कार्यालय में एम्बुलेंस के फर्जी पते से पंजीकरण में मुख्तार अंसारी की संलिप्तता की पुष्ट हो चुकी है। यही नहीं मुख्तार ने अपने 161 के बयान में भी स्वीकार किया है उसकी साजिश से ही बाराबंकी में एंबुलेंस को खरीदा गया और बाराबंकी में उसका पंजीकरण कराया गया। जिसे लेकर प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नंदकुमार ने पूर्वांचल के माफिया व विधायक मुख्तार अंसारी को 14 जून को कोर्ट में तलब किया है। कोर्ट ने इसके लिए बी वारंट भी जारी कर दिया है।
इससे पहले मामले में गठित एसआईटी ने एक सप्ताह पहले बांदा जेल पहुंचकर पूछताछ की थी। मुख्तार इस समय बांदा की ही जेल में बंद है। पूर्वांचल के माफिया व विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब जेल से 31 मार्च को मोहाली कोर्ट तक पेशी पर लाने व ले जाने में यूपी 41 नंबर की एंबुलेंस का प्रयोग किया गया था। इस पर बाराबंकी में इस पंजीकृत वाहन की पड़ताल हुई तो पाया गया कि यह वाहन बाराबंकी नगर के रफीनगर के जिस मकान संख्या के पते पर दर्ज है। उस मकान संख्या का कोई घर ही नहीं है। फिटनेस का 2014 के बाद से रिनीवल न होना भी पाया गया।
इस मामले में गठित एसआईटी ने मऊ जिले के श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की संचालिका डॉ.अलका राय, निदेशक शेषनाथ राय आदि लोगों को जेल भेज चुकी है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एंबुलेंस के पंजीकरण में राजधानी के निवासी एक युवक का नाम सामने आया है। उसकी धरपकड़ के प्रयास किए जा रहे हैं। इस मामले में मुख्तार के विधायक प्रतिनिधि मुजाहिद व उसके साथी भी पुलिस पकड़ से अभी दूर है।
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