गांवो से ज्यादा निकल रहे है कोरोना संक्रमित मरीज

कोरोना के बढ़ते प्रकोप व गांवों में मिल रहे सक्रमितों की संख्या को रोकने के लिए गांवों में प्रशासन के निर्देश पर टीम घर-घर का सर्वे कर रिर्पोट मुख्यालय पर भेज रही। हर गांवों में एक दो मरीज कोरोना संक्रमित होकर बीमार हुए है। इस बीमारी से कई की मौत भी हो चुकी है। फिर भी गांवों में दवा छिडकाव को लेकर लापरवाह बनी हुई है।

देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार लाक डाउन लगा दिया है। लोग कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए काम धंधा बंद कर लोग घरो पर रह रहे है। गांवों में मिले रहे संक्रमितों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। कोरोना संक्रमण के चैन को तोडने के लिए डीएम के निर्देश पर गांवों में आंगनबाडी कार्यकर्ती,आशा,सफाईकर्मियों व शिक्षकों की एक एक टीम को गठित कर खांसी,जुकाम व बुखार से पीडितों को दवा की किट का वितरण करवा रही है। 

लेकिन अभी तक गांवो में सेनेटाइजेशन व साफ सफाई करना मुनासिब नही समझ रहा है। गंदगी से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। इस संबंध में सठियांव के कौडिया गांव निवासी पिन्टू,नंदलाल,शमशीर,सफुद्दीन का कहना है कि गांव गंदगी बनी हुई।सडक पर कुडा फेका जा रहा है। आने जाने वाले लोग कुडों से निकलने वाले दुर्गन्ध से परेशान रहते है।इस महामारी काल में शासन प्रशासन की ओर साफ सफाई की तरफ से कोई ध्यान दिया जा रहा है। लोगो ने गावों में सेनेटाइज कराने की मांग की हे।

सठियाव ब्लाक के सोनवार गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के नेतृत्व में कोविड-19 के चैन तोडने के लिए प्रशासन के निर्देश पर पांच दिवसीय विशेष अभियान के अंतर्गत सर्वे टीम ने 334 घरो के सदस्यों का परीक्षण किया। इस दौरान सर्दी,जुकाम व बुखार से पीडित लोगों को जांच करते हुए दवा की किट दी। टीम में प्रधानाध्यापक लक्ष्मण सिंह आशा कौशिल्या देवी ,रीना देवी,आंगनबाडी तारा देवी शामिल रही है।

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