दूसरे प्रांतों से आकर बनारस में फंसे लोगों की घर वापसी शुरू हो गई है। फिलहाल राजस्थान और झारखंड के लोगों को सबसे पहले मौका मिला है। कोई शादी में आकर फंस गया था तो कोई बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने आया और लॉकडाउन के कारण यहीं रह गया था। करीब 45 दिनों बाद घर वापस जाने की खुशी इनके चेहरों से झलक रही थी। बुधवार की रात से रात से राजस्थान और झारखंड के 1859 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण शुरू होने के बाद गुरुवार की सुबह से इन्हें बसों से रवाना करना शुरू कर दिया गया। इन्हें नि:शुल्क घर भेजा जा रहा है। इसमें कामगार के अलावा ज्यादातर छात्र, तीर्थयात्री और पर्यटक हैं।
इन लोगों को वेबसाइटों पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जाने का मौका मिला है। राजस्थान सरकार की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाने वाले 494 लोगों के लिए परिवहन निगम की बसों का इंतजाम करवाया गया है। ये बसें संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के खेल मैदान से सुबह सात बजे से रवाना होनी शुरू हुई हैं। रवानगी से पहले सभी की थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं मिलेंगे, उन्हें बसों से राजस्थान के भरतपुर जिले के लिए रवाना कर दिया जाएगा। भरतपुर से आगे वहां की सरकार प्रबंध करेगी।
इसी प्रकार झारखंड के 1365 लोगों ने पिछले दिनों रजिस्ट्रेशन कराया था। इन्हें झारखंड के गढ़वा जिले भेजने के लिए बसों की व्यवस्था कैंट स्थित रोडवेज बस अड्डे पर की गई है। सभी की मेडिकल जांच होने के बाद सुबह आठ बजे बसों से सोनभद्र होते हुए भेजा जा रहा है। गढ़वा में झारखंड सरकार व्यवस्था करेगी। सभी यात्रियों को अपने पास फोटो आईडी कार्ड और यथासंभव आधार कार्ड भी रखना होगा।