बेंगलूर पुलिस बोली, एक हजार लगेगा... जिसके पास न हो वह वापस जाएं


फिरोज अली ने बेंगलूर से संत कबीरनगर अपने घर आने के लिए वहां पंजीकरण करवाया। दो दिन बाद बेंगलूर पुलिस ने फोन कर कहा कि आपका टिकट तैयार है। पटेल पब्लिक स्कूल आना होगा। वहां पहुंचने पर पुलिस ने कहा कि जिसके पास एक हजार रुपये है वहीं लाइन में लगेगा। बाकी जिनके पास नहीं है वह वापस जाएं। बस में बैठाने से पहले रुपया जमा कराया और बस यात्रा के टिकट को ही प्रिंट कर दे दिया। जब स्टेशन पहुंचे तो बोगी के भीतर पहुंचने के बाद हमको रेलवे का टिकट दिया गया। जिसपर 830 रुपये दर्ज था। जमा किए गए एक हजार रुपये में से 30 रुपये वापस किए गए। कहा बस सहित कुल किराया 970 रुपये है।

कुछ अच्छी और कुछ पीड़ादायक यादों के बीच लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों का सफर जारी है। गुरुवार को भी प्रवासी श्रमिकों को लेकर दक्षिण भारत से दो ट्रेनें लखनऊ आयीं। जबकि भुसावल से लखनऊ आ रही श्रमिक स्पेशल को उन्नाव में ही स्थगित कर दिया गया। गोधरा से आने वाली श्रमिक स्पेशल को लखनऊ की जगह बाराबंकी भेज दिया गया। ऐसा चार ट्रेनों के सुबह छह से 10 बजे के बीच लखनऊ आने से होने वाली अव्यवस्था को रोकने के लिए किया गया। परिवहन निगम ने भुसावल से आ रही श्रमिक स्पेशल के श्रमिकों के लिए उन्नाव और गोधरा से आने वाली स्पेशल के श्रमिकों के लिए बाराबंकी में बसों की व्यवस्था की। वहां से प्रदेश भर में इन श्रमिकों को थर्मल स्कैनिंग के बाद भेजा गया।

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