घोर लापरवाही: जिन्हें सबसे ज्यादा खतरा, उन सफाईकर्मियों की ही जांच नहीं


डॉक्टर, पुलिसकर्मी के साथ ही सफाई कर्मचारी भी पहली पंक्ति के कोरोना योद्धा हैं। देखा जाए तो सफाई कर्मचारियों को संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा बना रहता है। लेकिन नगर निगम इन सफाईकर्मियों की सेहत को लेकर गंभीर नहीं है। सभी वार्डों में लॉकडाउन के दौरान यह सफाईकर्मी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। हॉट स्पॉट इलाकों में भी यह कर्मचारी काम कर रहे हैं अभी तक एक बार भी इन सफाईकर्मियों की सघन जांच तक नहीं हुई है।

नगर निगम की यह लापरवाही ऐसे समय में खतरनाक साबित हो सकती है क्योंकि बनारस में ही कई ऐसे मामले पॉजिटिव आए हैं जिनमें किसी तरह का लक्षण नहीं था। नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग से सफाई कर्मचारियों की कोरोना जांच के संबंध में बातचीत चल रही है। हालांकि लॉकडाउन को 6 हफ्ते से ज्यादा समय बीतने के बाद भी केवल बातचीत ही चल रही है।

बनारस में कोरोना केस बढ़ने और नए हॉट स्पॉट इलाके बनने के साथ ही अब सफाई कर्मचारियों, सुपरवाइजर को सफाई निरीक्षकों के साथ पार्षदों ने भी सघन जांच कराने की मांग उठाई है। सफाई कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी भी जल्द से जल्द सफाई कर्मचारियों का टेस्ट कराने की मांग करने लगे हैं।

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