लखनऊ: देश के अलग-अलग हिस्सों की आबादी पर कोरोना वायरस की सक्रियता अब रहस्य नहीं रहेगी। कोविड-19 की जटिलताओं की पड़ताल के लिए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) की विभिन्न प्रयोगशालाओं ने वायरस की कुंडली तैयार करने का काम शुरू किया है। इसके तहत यह प्रयोगशालाएं कोरोना संक्रमित मरीजों के नमूनों से प्राप्त आरएनए से डीएनए बनाकर उसकी सीक्वेंसिंग करेंगी, जिससे अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में इस वायरस के व्यवहार और प्रकृति का पता लगेगा। सीएसआइआर के महानिदेशक डॉ शेखर मांडे बताते हैं कि सीएसआइआर की कुल सात प्रयोगशालाएं लगभग एक हजार नमूनों में आरएनए का परीक्षण कर सीक्वेंसिंग का काम करेंगी।
इन प्रयोगशालाओं पर चल रहा काम
आइजीआइबी दिल्ली, सीसीएमबी हैदराबाद व चंडीगढ़ स्थित इमटेक प्रयोगशाला में इस पर काम शुरू हो चुका है। वहीं, लखनऊ की सीडीआरआइ और एनबीआरआइ के अलावा आइएचबीटी पालमपुर, आइआइसीबी कोलकाता में भी जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा। डॉ. मांडे ने बताया कि अभी तक सौ नमूनों में सीक्वेंसिंग का काम पूरा कर लिया गया है और अगले दो-तीन सप्ताह में इस शोध के परिणाम आने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इन शोध परिणामों से कोविड-19 के प्रभावी व सटीक उपचार का रास्ता प्रशस्त हो सकेगा।