कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए जो महिला पुलिस अपने परिवार व बच्चों से दूर बरौनी क्षेत्र में लगातार 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात हैं। उन महिला पुलिसकर्मियों को आए दिनों बरौनी के सील किए गए क्षेत्र के युवकों की कभी रोड़े-पत्थर तो कभी गंदी फब्तियां का भी शिकार होना पड़ रहा है। ऐसा करने से मना करने पर शुक्रवार की रात ना सिर्फ वे युवक बल्कि क्षेत्र के अन्य लोग भी उग्र होकर उन पुलिसकर्मियों के साथ-साथ क्षेत्र के बाहर प्रशासन के सहयोग के लिए तैनात वॉलेंटियरों पर भी मरने-मारने को उतारू हो गए।
घटना की जानकारी जानकारी मिलते ही तेघरा एसडीएम डॉ. निशांत कुमार, तेघरा एसडीपीओ ओम प्रकाश, फुलबड़िया थानाध्यक्ष सुमंत कुमार चौधरी के अलावे क्षेत्र में तैनात अतिरिक्त बल के जवान मौके पर पहुंचकर मामले को शांत करवाया। बताया जाता है कि इस दौरान पुलिस के जवानों को हल्का बल का भी प्रयोग करना पड़ा। इसके बाद इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। दोनों आरोपी का नाम इम्तियाज एवं शहजाद है जबकि इस मामले में संलिप्त अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है।
इस संबंध में बताया जाता है कि शुक्रवार की रात फुलवरिया थाना क्षेत्र के फुलवरिया पंचायत दो वार्ड संख्या 4 के सील किए गए क्षेत्र के कुछ युवक सील क्षेत्र के बाहर सड़क पर आकर घूमने लगे। जिसका वहां मौके पर तैनात महिला पुलिस कर्मियों ने विरोध किया तो उक्त युवक उक्त महिला पुलिसकर्मी ही पर ही फब्तियां कसने लगे। इस घटना की सूचना उक्त महिला पुलिसकर्मी ने ना सिर्फ फुलवरिया थानाध्यक्ष को दिया बल्कि प्रशासन द्वारा गठित किए गए वाह्य कमेटी के सदस्यों को भी इससे अवगत करवाया।
जिसके बाद कमेटी के सदस्य मौके पर पहुंचकर बाहर घूम रहे एवं महिला पुलिसकर्मी पर फब्तियां कस रहे युवकों को अंदर जाने को कहा। जिस पर ना सिर्फ उक्त युवक उग्र हो गए। बल्कि उस मोहल्ले के अन्य कई लोग भी वहां पहुंच कर कमेटी के सदस्यों के साथ मारपीट को उतावले हो गए। जिसे कुछ लोगों ने दो समुदाय के टकराव का रूप देने का प्रयास किया। लेकिन घटना की जानकारी पाकर मौके पर पहुंचे तेघरा एसडीएम, एसडीपीओ व अन्य पुलिस अधिकारियों ने हल्का बल का प्रयोग कर मामले को शांत करवाया।
11 अप्रैल को भी वाॅलेंटियर के साथ की थी मारपीट
इंडोनेशिया के धार्मिक प्रचारक के फुलवरिया मस्जिद में आने और 3 दिन रुककर वापस जाने की सूचना के बाद इस क्षेत्र को प्रशासन ने सील किया था। इसके बाद बाहर इधर से घूमने से मना किए जाने पर 11 अप्रैल को सील क्षेत्र के कुछ युवकों ने कुछ वालेंटियर के साथ मारपीट की थी। जबकि सील क्षेत्र से बाहर निकलकर घूमने एवं महिला पुलिसकर्मी पर फब्तियां कसने का विरोध करने पर 14 अप्रैल को कुछ युवकों ने महिला पुलिसकर्मी पर रोड़ेबाजी की थी। लेकिन क्षेत्र में शांति बनी रहे, इसके लिए प्रशासन ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर मामले को रफा-दफा किया था।
एक समुदाय का आरोपः खास समुदाय को बंदी बनाना चाहती है प्रशासन
इस मामले में सील किए गए क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि प्रशासन किसी खास समुदाय के लोगों को सीमा सील कर बंदी बनाना चाहती है। जबकि दूसरे समुदाय के लोगों को सड़क पर घूमने की पूरी छूट दे रखी है। जबकि दूसरे पक्ष के लोगों का आरोप है कि सील किए गए क्षेत्र के लोगों के सुविधा के लिए बाह्य कमेटी एवं आंतरिक कमिटी लगातार ड्यूटी पर तैनात रहती है। ताकि किसी को कोई आवश्यक सामग्री की कमी ना हो सके। लेकिन सील किए गए क्षेत्र के लोग हमेशा क्षेत्र के बाहर आकर घूमना टहलना एवं लॉक डाउन को तोड़ने का प्रयास करते रहते हैं। जिसके मना करने पर वे लोग आए दिनों उग्र हो जाते हैं।
घटना में शामिल लोगों की हो रही पहचान
घटना की पुष्टि करते हुए फुलवरिया थानाध्यक्ष सुमंत कुमार चौधरी ने बताया कि घटना में शामिल अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है। इस तरह अशांति बहाल करने का प्रयास करने वाले किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
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