स्थानीय तहसील पर धान क्रय केंद्र संचालकों की मनमनी को लेकर चल रहा धरना-प्रदर्शन जहां शुक्रवार को आमरण अनशन में तब्दील हो गया, वहीं सूचना पर पहुंचे अधिकारियों के मांगों को पूरा कराये जाने का आश्वासन दिये जाने के बाद जूस पिलाकर आमरण अनशन समाप्त कराया गया। क्षेत्र के धान क्रय केन्द्रों पर अनियमितता को लेकर किसान नेता भानुप्रताप के नेतृत्व में गुरुवार को धरना-प्रदर्शन शुरू किया गया था, जो दूसरे दिन शुक्रवार को आमरण अनशन में तब्दील हो गया। वही किसानों के इस आंदोलन को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह धरना स्थल पर पहुंचकर संगठन द्वारा समर्थन दिया।
इसकी जानकारी जब विभागीय अधिकारियों को हुई, तो वह हरकत में आ गये। इसके बाद दोपहर में आमरण अनशन स्थल पर पहुंचे खाद्य विपणन निरीक्षक एसपी भारती को प्रदर्शनकारियों ने धरना स्थल पर ही बैठाकर उन्हें बंधक बना लिया। जैसे ही इसकी जानकारी उपजिलाधिकारी सेवराई विक्रम सिंह को हुई, तो वह तुरंत खाद्य विपणन अधिकारी राजन कुमार शुक्ला सहित भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गये। फिर करीब दो घंटे की चली मैराथन वार्ता के बाद सभी मांगों को मानते हुए शीघ्र ही निराकरण करने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद भानु सिंह को जूस पिलाकर आमरण अनशन को समाप्त कराया गया।
इससे पूर्व छह फरवरी को धान क्रय केंद्रों पर किसानों की समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद जिला खाद्य विपणन अधिकारी व उपजिलाधिकारी सेवराई ने तीन दिन के अंदर किसानों के सभी समस्याओं को समाधान करने के आश्वासन दिया था, जिसके बाद धरना समाप्त कर दिया था।
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