Shardiya Navratri: आप सभी को पता होगा कि नवरात्रि शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं। हिंदू धर्म में Navratri के लिए तैयारी जोर-शोर से चल रही है, और इस दौरान कई विशेष आयोजन किए जाते हैं। सबसे पहले, जान लें कि नवरात्रि का पर्व शेरावाली माता (Sherawali Mata) के सम्मान में मनाया जाता है, जिसमें 9 दिन व्रत रखे जाते हैं। शेरावाली माता की ज्योति भी प्रज्वलित की जाती है। ये बातें तो आप जानते ही होंगे, लेकिन आज हम आपको नवरात्रि से जुड़ी कुछ खास जानकारियाँ देने वाले हैं। तो चलिए, हम नवरात्रि की कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा करते हैं।
आप सभी को पता होगा कि नवरात्रि का त्योहार 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, जिसमें पहला नवरात्र 3 अक्टूबर (First Navratri is on 3rd October) को मनाया जाएगा। इस दिन सभी लोग अपने घर में कलश की स्थापना कर दुर्गा माता की पूजा आरंभ करेंगे। हालांकि, कई लोगों को यह नहीं पता कि कलश स्थापना कैसे की जाती है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। आज हम आपको इसी महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।
कलश स्थापना करते समय इन बातों का ध्यान रखें
मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के लिए लकड़ी की एक चौकी होना चाहिए। चौकी के लिए पहला वस्त्र मां दुर्गा के लिए लाल चुनरी या लाल रंग की साड़ी होना चाहिए। Kalash स्थापना के समय मिट्टी का कलश, अनाज, आम के अशोक के पत्ते, रोली, सिंदूर, गंगाजल, चंदन, रक्षा सूत्र, सिक्के, हिबिस्कस के फूल, माला, सूखा नारियल, लौंग, इलायची और जाता वाला नारियल ये सभी चीजें दुर्गा माता के पास रखें।
पूजा सामग्री के संदर्भ में, दुर्गा माता के पास आपको पान का पत्ता, धूप, दीप, अगरबत्ती, कपूर, गुगुल, एकादशी की राई की बत्ती, पंचमेवा, फल, मिठाई, माचिस, माता रानी का ध्वज, दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा, और आरती की पुस्तक होनी चाहिए।