दोस्तों, यह उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में स्थित गाजीपुर जिला है, जिसे पूरे उत्तर प्रदेश में इसके खुशबूदार गुलाब जल के लिए जाना जाता है। गाजीपुर जिला बनारस डिवीजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहां लॉर्ड कॉर्नवॉलिस की कब्र भी है, जो भारत के ब्रिटिश कालीन इतिहास की एक खास जगह मानी जाती है। यह भी कहा जाता है कि ब्रिटिश काल में यहाँ एशिया का सबसे बड़ा अफीम का कारखाना स्थापित किया गया था। इस जिले को 1879 में निगम के रूप में स्थापित किया गया था।
वर्तमान में, इस जिले में सात तहसीलें हैं और इसका क्षेत्रफल 3370 वर्ग किलोमीटर है। 2011 की जनगणना के अनुसार, जिले की आबादी 36 लाख से अधिक है। यहाँ की जनसंख्या में 74% लोग शिक्षित हैं, और 1000 पुरुषों पर 991 महिलाओं का लिंग अनुपात पाया जाता है। यहाँ की अधिकांश जनता भोजपुरी, हिंदी और उर्दू का उपयोग करती है, जहां भोजपुरी को स्थानीय लोग अपनी मात्रीक भाषा मानते हैं, क्योंकि 66% से अधिक लोग भोजपुरी में संवाद करते हैं।
यहां की आबादी में लगभग 90% लोग हिंदू धर्म से जुड़े हैं, जबकि 10% लोग इस्लाम को मानते हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से, यह क्षेत्र वैदिक काल से जाना जाता है और प्राचीन काल में इसे ऋषि-मुनियों की भूमि के रूप में जाना जाता था। वैदिक काल में यहाँ घने जंगल होते थे, जहाँ ऋषि-मुनि आश्रमों में निवास करते थे। महर्षि परशुराम के पिता भी यहीं के जंगलों में निवास करते थे।
हजारों वर्षों बाद, इस क्षेत्र में निवास की शुरुआत हुई और पृथ्वीराज चौहान के वंशज यहां राज किया करते थे। तुगलक वंश के शासनकाल में इस क्षेत्र को एक नई पहचान मिली, और सैयद मसूद के समय जिले का विस्तार हुआ, जिसके बाद इसे गाजीपुर नाम दिया गया। आर्थिक दृष्टि से, यहाँ अधिकांश लोग कृषि में लगे हुए हैं और कृषि से संबंधित कार्यों में भी काम करते हैं।
इस जिले में 2 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर विभिन्न फसलों की खेती की जाती है, जिसमें चावल, गेहूं, गन्ना और आलू प्रमुख हैं। इसके अलावा, हैंडलूम, शायरी और घरेलू वस्त्र भी यहाँ बनाए जाते हैं। यहाँ छोटे-छोटे कारखाने के अलावा कई पावर प्लांट्स भी हैं, जिसमें 1980 मेगावाट पावर जेनरेट करने वाला गेटवारा पावर प्लांट शामिल है।
गाजीपुर जिले का सड़क और रेल इंफ्रास्ट्रक्चर भी अच्छा है। यहाँ से नेशनल हाईवे 31, 36 और स्टेट हाईवे 97 गुजरते हैं। नेशनल हाईवे 31, बनारस से पटना और कोलकाता तक को जोड़ता है। जिले में गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन है, जो वाराणसी और गोरखपुर रेलवे रूट पर स्थित है। इस शहर में हवाई अड्डा नहीं है, लेकिन पास के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उपयोग किया जाता है, जो आसपास के क्षेत्र के लिए प्रमुख कनेक्टिविटी का साधन है।