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गाजीपुर में गंगा नदी चेतावनी बिंदु से ऊपर बह रही है, खेत जलमग्न, संपर्क मार्ग डूब गए

Ghazipur News: गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती लोगों में दहशत फैल गई है। उफनती गंगा के कारण कई गंगा घाट डूब चुके हैं और आज सुबह 11 बजे तक जलस्तर 62.020 मीटर तक पहुंच चुका है। तटवर्ती गांवों के खेत और संपर्क मार्ग भी जलमग्न हो गए हैं। गाजीपुर में गंगा चेतावनी बिंदु के ऊपर बह रही है, जिससे प्रशासन सतर्क मोड में है।

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गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। पिछले कुछ दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। पिछले 24 घंटों में जलस्तर में लगभग डेढ़ मीटर की वृद्धि हुई है। हालांकि गाजीपुर में गंगा अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही है, लेकिन संभावित बाढ़ की आशंका से तटवर्ती इलाकों के लोग चिंतित हैं। वर्तमान में गंगा चेतावनी बिंदु के ऊपर बह रही है।

पिछले वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो 2022 में बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.390 मीटर, 2021 में 64.680 मीटर, और 2019 में 64.530 मीटर रहा। गाजीपुर में खतरे का बिंदु 63.105 मीटर है।

सिचाईं विभाग के एक्सईएन राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि गुरुवार की सुबह गंगा के जलस्तर में 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से वृद्धि हुई। उन्होंने बताया कि एक दिन पहले, बुधवार की सुबह, जलस्तर 7.5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था, लेकिन शाम होते-होते इसकी रफ्तार कम हो गई।

बीती शाम जलस्तर में 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार दर्ज की गई थी, जो घटकर आज सुबह 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे रह गई है। उन्होंने बताया कि निचले इलाकों के खेत जलमग्न हो गए हैं और कुछ गांवों के संपर्क मार्ग भी पानी में डूब चुके हैं। हालांकि, स्थिति अभी नियंत्रण में है।

उफनाई गंगा नदी की बाढ़ में सैदपुर नगर के कई घाट पूरी तरह से डूब चुके हैं। श्मशान घाट पर शव दाह के लिए कोई जगह नहीं बची है। सैदपुर के रंग महल घाट, संगत घाट, पक्का घाट, बुढ़ेनाथ महादेव घाट, श्मशान घाट और कोट घाट गंगा की बाढ़ में submerged हो चुके हैं। लोगों को स्नान करने में कठिनाई हो रही है, और नगर के पक्का घाट पर मंदिरों में भी पानी घुस गया है।

गंगा के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि के कारण रेवतीपुर थाना क्षेत्र के नसीरपुर गाँव को जाने वाला मार्ग बाढ़ के पानी से डूब गया है। इस वजह से अधिकांश ग्रामीण दूसरे रास्तों से यात्रा कर रहे हैं, जबकि कई लोग बाढ़ के पानी को पार करके आवागमन कर रहे हैं।

फिलहाल गाँव सुरक्षित हैं, लेकिन अगर जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो गांव कभी भी बाढ़ के पानी से चारों ओर से घिर सकता है। इलाके के हसनुपुरा, नसीरपुर, बीरउपुर, दुल्लहपुर और परमानंदपुर के खेतों में बाढ़ का पानी फैल गया है। ग्रामीण पूरी तरह से सतर्क हैं, और बाढ़ का पानी खेतों में बोई गई सैकड़ों बीघे सब्जी, परवल, टमाटर, बैंगन, मिर्च और जानवरों के चारे को अपनी चपेट में ले रहा है।

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