ATM के इस्तेमाल में वृद्धि हो रही है, और कई बार ATM ट्रांजैक्शन विफल होने पर अकाउंट से पैसे कट जाते हैं। अगर ऐसा होता है कि ट्रांजैक्शन विफल होने के बाद भी अकाउंट से पैसे कटे जा रहे हैं, तो आपको अपने बैंक को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए। आप अपने बैंक कस्टमर केयर सेंटर में कॉल करके इस विषय पर शिकायत कर सकते हैं।
अक्सर होता है कि ATM से ट्रांजैक्शन विफल होने के बावजूद हमारे बैंक खाते से पैसे कट जाते हैं। इस स्थिति में शिकायत करने की सही जगह को लेकर हमें आशंका होती है। आप बैंक कस्टमर केयर से संपर्क कर सकते हैं, जहां बैंक आपको भरोसा देता है कि 24 घंटे के भीतर पैसा आपके खाते में वापस आ जाएगा, लेकिन कई बार देखा गया है कि पैसा तब भी वापस नहीं आता।
ऐसा होने पर घबराएं नहीं, क्योंकि RBI के नियमों के अनुसार, ट्रांजैक्शन विफल होने पर बैंक जिम्मेदार है कि कटा हुआ पैसा आपके खाते में वापस डालें। यदि आपको RBI के नियमों के बारे में सरल जानकारी हो तो आप अपना पैसा बिना किसी हर्जाने के जल्दी से वापस पा सकते हैं। इन नियमों को समझने का बेहद सरल तरीका यहाँ बताया गया है।
मुआवजे की व्यवस्था
यदि किसी स्थिति में बैंक आपके खाते से निर्धारित समय के भीतर डेबिट की गई राशि को वापस नहीं करता है, तो उसके लिए मुआवजे का प्रावधान है। आरबीआई के नियमों के अनुसार, बैंक को इस शिकायत का समाधान 7 दिनों के भीतर करना होता है। इस अवधि में अगर बैंक समाधान नहीं करता है, तो इसके बाद प्रति दिन 100 रुपये के हिसाब से मुआवजा देना होता है।
ATM ट्रांजैक्शन फेल होने पर RBI के नियम क्या हैं?
नियम 1: जब किसी ग्राहक का ट्रांजैक्शन विफल होता है और खाते से पैसे कट जाते हैं, तो बैंक को कटी हुई राशि को तुरंत वापस देनी होती है।
नियम 2: शिकायत दर्ज करने के 7 दिनों के अंदर ग्राहक के खाते में पैसा जमा होना चाहिए।
नियम 3: अगर 7 दिन बाद भी पैसा नहीं आया, तो बैंक को प्रतिदिन 100 रुपए का हर्जाना देना होगा।
नियम 4: बैंक से पेनाल्टी प्राप्त करने के लिए ग्राहक को 30 दिनों के भीतर शिकायत दर्ज करनी होगी। इसके बाद शिकायत करने पर हर्जाना नहीं मिलेगा। ट्रांजैक्शन की पर्ची या खाते का स्टेटमेंट बैंक को प्रदान करना होगा।
नियम 5: यदि 7 दिनों के भीतर पैसा वापस नहीं आता है, तो ग्राहक को एनेक्शर-5 (Annexure-5) फॉर्म भरना होगा।
नियम 6 : जिस दिन आप यह फॉर्म भरेंगे, उसी दिन से ग्राहक की पेनल्टी शुरू हो जाएगी। अर्थात, अगर फॉर्म भरने के 10 दिन तक पैसा वापस नहीं आता है, तो बैंक आपको प्रति दिन 100 रुपये के हिसाब से 1000 रुपये हर्जाना देगा।