Cibil Score: जब भी आपको लोन की जरूरत पड़ती है, तो देनदार सबसे पहले आपका सिबिल स्कोर पूछता है। अगर आपका सिबिल स्कोर कम है, तो आपको लोन मिलने में परेशानी हो सकती है और उच्च ब्याज दर पर लोन का विकल्प दिया जाता है। इस बारे में आपको बताने जा रहे हैं कि खराब सिबिल स्कोर से कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं।
अक्सर लोग Cibil Score पर ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर कम होने पर लोन मिलने में दिक्कत होती है। अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है, तो आपको लोन आसानी से मिल जाता है। सिबिल स्कोर बैंकिंग सिस्टम में आपके कई काम आसान कर सकता है, लेकिन खराब सिबिल स्कोर (bad Cibil score) आपके लिए कई कामों को रोक सकता है। आइए जानें कि सिबिल स्कोर क्या होता है और इसके खराब होने से आपको कौन-कौन से 5 नुकसान झेलने पड़ सकते हैं।
सबसे पहले जानिए सिबिल स्कोर क्या होता है?
यह एक तीन अंकों का संख्यात्मक प्रतीक होता है, जिसे स्कोर कहा जाता है। इसकी रेंज 300 से लेकर 900 अंकों तक होती है। यह आपकी लोन लेने की पात्रता को दर्शाता है। यह संख्या आपके पुराने लोन, क्रेडिट कार्ड के बिल आदि के आधार पर निर्धारित होती है। यदि आप अपने सभी ऋण और कार्ड बिल को समय पर भुगतान करते हैं, तो आपका सिबिल स्कोर बेहतर होता है, जबकि यदि आपके पास कोई डिफ़ॉल्ट होता है, तो आपका सिबिल स्कोर खराब होता है।
अच्छे सिबिल स्कोर के क्या लाभ होते हैं?
यदि आपका सिबिल स्कोर अच्छा है, तो इससे कई लाभ हो सकते हैं। हर बैंक लोन स्वीकृति के पहले व्यक्ति के सिबिल स्कोर की जांच करता है। इस प्रकार, आपको लोन प्राप्त करना और उसे प्राप्त करना सस्ता हो सकता है। यहाँ तक कि कई बार प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर भी मिल सकता है और आपको इंस्टेंट लोन यानी चंद मिनटों में खाते में पैसे जमा होने की सुविधा भी मिल सकती है।
खराब सिबिल स्कोर होने के नुकसान
अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है, तो इसके कई नुकसान हो सकते हैं। आपको बैंक से जुड़े सभी कामों में मुश्किलाएं आ सकती हैं। इसलिए, यहाँ हम आपको खराब सिबिल स्कोर के 5 नुकसान बताने जा रहे हैं।
1- लोन मिलने में होगी दिक्कत
अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है, तो आपको किसी भी बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक या एनबीएफसी से लोन मिलने में परेशानी हो सकती है। बैंकों को डर रहता है कि आपका सिबिल स्कोर खराब है, जिसका मतलब है कि आप डिफ़ॉल्ट कर सकते हैं।
2- ज्यादा ब्याज दर चुकानी होगी
कुछ बैंक अगर आपको खराब सिबिल स्कोर के बावजूद लोन देने को राजी हो भी जाएंगे, तो वे अधिक ब्याज दर वसूलेंगे। यह उनकी रिस्क प्रबंधन की कोशिश होती है, क्योंकि वे सोचते हैं कि अगर व्यक्ति ने अंत में कुछ ईएमआई डिफ़ॉल्ट भी कर दी तो भी बैंक को नुकसान नहीं होना चाहिए। इसलिए उन्होंने ब्याज दर को अधिक रखा जाता है।
3- चुकाना पड़ सकता है ज्यादा प्रीमियम
अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है, तो कई बार इंश्योरेंस कंपनियां भी आपसे अधिक प्रीमियम मांग सकती हैं। ऐसी स्थिति में इंश्योरेंस कंपनियां को लगता है कि आप ज्यादा क्लेम कर सकते हैं, और उन्हें इसलिए अधिक प्रीमियम मांगना पड़ सकता है। कुछ कंपनियां तो इंश्योरेंस देने से भी इनकार कर सकती हैं।
4- होम-कार लोन लेने में दिक्कत
आपके सिबिल स्कोर खराब होने की स्थिति में, होम लोन या कार लोन लेने में भी आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आपको अधिक ब्याज देने की भी जरूरत हो सकती है। बिजनेस के लिए प्रॉपर्टी लीज पर लोन लेने में भी दिक्कत हो सकती है, क्योंकि कंपनियां आपसे कुछ गिरवी रखने को भी मांग सकती हैं।
5- लोन मिलने में हो सकती है देरी
जिस बैंक ने आपके लोन को स्वीकार करने के लिए राज़ी हो जाए, वह आपके कर्ज़ को स्वीकृत करने से पहले दस्तावेज़ों की सैकड़ों जांच करेगा। यदि आप गोल्ड लोन या सिक्योरिटीज़ लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो भी वह दस्तावेज़ों की ठीक-ठाक जांच करेगा। कई बैंक आपसे कुछ गिरवी भी रख सकते हैं, लेकिन उन्हें आपके विश्वास की पूरी नहीं होगी और उन्हें तगड़ी जांच करनी पड़ेगी। इन सभी प्रक्रियाओं में काफी समय लग सकता है, जिससे आपको लोन प्राप्त करने में देरी हो सकती है।