शनिग्रह को वास्तव में न्याय का देवता भी कहा जाता है। चाहे सभी भूल चूक माफ कर दी जाएं, लेकिन शनि केवल कर्मों के हिसाब से ही फल देते हैं, चाहे वो अनुकूल हों या प्रतिकूल। इसलिए जन्म कुंडली में शनि की स्थिति का गहरा प्रभाव देखने को मिल सकता है।
यदि ज्योतिष के अनुसार मानें तो व्यक्ति की कुंडली दो तरह की होती है - एक शनि प्रधान कुंडली और एक गुरु प्रधान कुंडली। अगर आपकी कुंडली शनि प्रधान है, तो शनि देव कई तरीकों से आपके जीवन में असर डाल सकते हैं।
इसलिए आज हम आपको ये बताने जा रहे हैं, कि उन लोग के साथ कैसी कैसी घटनाएं घटित होती हैं, जिनकी कुंडली शनि प्रधान होती हैं।
शनि के प्रभाव वाले व्यक्तियों के साथ घटित होती हैं ऐसी घटनाएं:
जिनकी कुंडली में शनि हावी होते हैं, उन्हें बहुत कम उम्र में ही यह अनुभव होता है कि भाग्य से कुछ नहीं, बल्कि केवल अपनी शक्ति और उद्यम से ही वे अपने जीवन में कुछ कर सकते हैं।
अगर किसी व्यक्ति के लिए छोटे से कार्य को पूरा करने में कड़ी मेहनत की जा रही है, तो यह सीधा संकेत है कि उनके जीवन में शनि का गहरा प्रभाव है। शनि कभी भी व्यक्ति को आसानी से नहीं छोड़ते, बल्कि उनकी परीक्षा के बाद ही उन्हें मिलता है। इस तरह के व्यक्ति को रोज़ाना नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
जिन लोगों के ऊपर शनि विराजमान होता है, उन्हें सब कुछ शून्य से शुरू करना पड़ता है। न ही इनको कोई सहारा मिलता है और न ही किसी गाइड की मदद होती है।
शनि देव जिन लोगों के ऊपर हावी होते हैं, उन्हें दुर्घटनाओं की आशंका अधिक होती है। ऐसे व्यक्ति जल्दी बीमार पड़ जाते हैं या उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो जाता है। उन्हें बाहर से दिखने वाली कोई चोट नहीं लगती, लेकिन अंदर से गहरा नुकसान हो सकता है।
जिन लोगों पर शनि का प्रभाव होता है, वे सत्य बोलने की कोशिश करते हैं, इसलिए लोग उनसे दूरी बनाए रखना पसंद करते हैं। उन्हें यह पसंद नहीं कि वे पीठ पीछे बात करें, बल्कि वे सीधे मुंह से बोलना चाहते हैं।
अगर आप अन्याय सहन नहीं कर पाते हैं और किसी के साथ अन्याय होता है, तो आप खुद ही उसके खिलाफ बोलना शुरू कर देते हैं, तो इसमें शनि देव का प्रभाव हो सकता है।
शनि प्रधान कुंडली वाले लोग अक्सर माया और मोह से दूर रहने को बेहतर समझते हैं और संन्यास का मार्ग सही मानते हैं। वे मोह माया को छोड़कर रिश्तों को देखते हैं।