E-Challan: देश और दुनिया में साइबर ठगी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं, जो हर किसी को चौंका देने के लिए पर्याप्त हैं। कभी-कभी ये ठग नौकरी के नाम पर और कभी बैंक या किसी स्कीम के झांसे में लोगों को धोखा देकर बवकूफ बनाते हैं। अक्सर साइबर ठग बैंक कर्मचारी के रूप में उपहास्यता करते हैं और जरूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद खाते से पैसा चुरा लेते हैं।
अब साइबर फ्रॉड का एक नया रूप आया है, जहां साइबर ठग लोगों को E-Challan के नाम पर ठगी कर रहे हैं। इसलिए वाहन चालकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि कई लोगों को साइबर ठगों ने इस तरह के झांसे में फंसा दिया है। इस बदलते जमाने में, यदि कोई व्यक्ति यातायात नियमों का उल्लंघन करता है, तो वह कैमरे में कैद हो सकता है।
उसके बाद आपके मोबाइल नंबर पर एक चालान भरने के लिए संदेश आ जाता है। इस दौरान, साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए एक नया तरीका अपना रहे हैं, जहां वियतनाम स्थित एक साइबर अपराधी भारतीय लोगों के साथ ई-चालान के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आ रहा है।
E-Challan के नाम पर कैसे हो रही ठगी
वर्तमान समय में आपको बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि ऑनलाइन तरीके से लोगों को ठगा जा रहा है। साइबर अपराधी लोगों को लालच देकर अकाउंट से पैसे निकाल रहे हैं। वे फेक E-Challan का भरोसा दिखाकर लोगों को ठग रहे हैं। इस मुद्दे में एक बड़ा खुलासा किया गया है।
एक रिपोर्ट में उजागर हुआ है कि वियतनाम स्थित एक साइबर अपराधी गिरोह भारतीयों को E-Challan के नाम पर ठग रहा है। साइबर सिक्योरिटी फर्म CloudSEK ने हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है, और सावधानी बरतने की अपील की गई है।
कंपनी ने खुलासा किया कि वियतनाम में स्थित साइबर अपराधी ग्रुप भारतीय उपयोगकर्ताओं को निशाना बना रहा है। इनका मकसद लोगों को लूटना है, और वे फेक ई-चालान संदेश भेज रहे हैं। इस तरह के संदेश में एक लिंक होता है, जिसे क्लिक करने से पीड़ित के मोबाइल में क्षतिकारक ऐप्लिकेशन इंस्टॉल हो रहा है।
जानिए गिरोह कैसे कर रहा काम?
साइबर अपराधियों का यह ग्रुप अपने काम को एक अनोखे तरीके से करता है। पहले, वे उपयोगकर्ताओं को मोबाइल पर एक संदेश भेजते हैं, जिसमें परिवहन सेवा या कर्नाटक पुलिस के नाम का उपयोग किया जाता है। ये संदेश ऐसी जानकारी देते हैं जो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के बारे में होती है, परंतु इस जानकारी का पूरा रूप से फर्जी होने की संभावना होती है।
इस संदेश में फाइन के बारे में जानकारी दी जाती है। इसमें एक लिंक भी शामिल होता है। जैसे ही उपयोगकर्ता इस लिंक पर क्लिक करते हैं, विक्टिम के मोबाइल फोन में एक क्षतिकारक ऐप्लिकेशन इंस्टॉल होता है। इसके बाद यह ऐप परमिशन प्राप्त करता है और फिर फोन कॉल्स, मैसेज आदि का एक्सेस प्राप्त करता है। इस ऐप का उद्देश्य डिफॉल्ट मैसेजिंग ऐप का एक्सेस प्राप्त करना होता है।
यह मैलवेयर Wromba फैमिली का हिस्सा माना जाता है और इसने 4400 से अधिक डिवाइसों को संक्रमित कर लिया है। इसके बाद यह गुप्त रूप से OTP चोरी करने का काम शुरू करता है। इसके साथ ही संदेशों से अन्य महत्वपूर्ण विवरण भी चोरी कर लेता है और ई-कॉमर्स खातों का भी अवैध एक्सेस प्राप्त कर लेता है।