चंदौली जिले में वनांचल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए देश में प्रसिद्ध है। सघन वादियों में स्थित राजदरी-देवदरी जलप्रपात पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इस वर्ष, दो नए जलप्रपात - वाटाड़ और छानपाथर दरी - को पर्यटकों की सुविधाओं के अनुसार विकसित किया गया है। इसके बावजूद, पिछले साल के मुकाबले इस साल 55,000 सैलानी कम आए हैं। इससे वन विभाग को 35 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है।
इस संदर्भ में बता दें कि जिले में राजदरी-देवदरी समेत कई जलप्रपात, प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों पर दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। बारिश के समय यहां पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ती है। वन विभाग ने इस साल जलप्रपात वाटाड़ और छानपाधर दरी को भी विकसित किया है, लेकिन इस साल अपेक्षा के अनुरूप पर्यटक नहीं आए।
पिछले साल मार्च 2023 तक 97,651 पर्यटक आए थे और वन विभाग को 65 लाख से अधिक की कमाई हुई थी। इस साल अप्रैल तक केवल 41,951 पर्यटक आए हैं, जिससे लगभग 30 लाख रुपये की आमदनी हुई है। इस प्रकार, पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष 55,700 सैलानी कम आए हैं और 35 से अधिक का राजस्व का घाटा हुआ है।
इस संबंध में चंद्रप्रभा रेंजर योगेश कुमार सिंह ने बताया कि राजदरी-देवदरी के साथ आसपास के विभिन्न जलप्रपातों, पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर बहुत सारे सैलानी पिकनिक मनाने आते हैं। नववर्ष, गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर पर्यटकों की भीड़ अधिक होती है। इसलिए स्वतंत्रता दिवस के दिन पर्यटकों की संख्या और शुल्क में वृद्धि की संभावना है।