Bank News: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नियमित अंतराल पर बैंकों का निरीक्षण करता है ताकि ग्राहकों को उत्तम सेवाएं प्राप्त हो सकें। हाल ही में, इस प्रक्रिया के अंतर्गत रिजर्व बैंक ने एक बड़े बैंक पर कठोर कार्रवाई की है। इस जांच के दौरान बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। इस एक्शन के परिणामस्वरूप ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसे इस खबर में विस्तार से जानें।
भारतीय रिजर्व बैंक सख्ती से बैंकों की गतिविधियों का पर्यवेक्षण करता है। अगर कोई बैंक आरबीआई के नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाती है। ऐसे मामलों में बैंक का लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है, जैसा कि नवीन बैंक, महाराष्ट्र के साथ हुआ है।
लाइसेंस रद्द होने की वजह
आरबीआई ने कमाई की संभावना और पर्याप्त पूंजी की अभाव के कारण सिटी को-ऑपरेटिव बैंक, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द कर दिया। इसके साथ ही, केंद्रीय बैंक ने सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को बैंक की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने और लिक्विडेटर की नियुक्ति करने का आदेश दिया है।
Bank के सभी काम बंद
आरबीआई ने अपने आदेश में यह भी बताया कि 19 जून, 2024 से इस सहकारी बैंक की सभी गतिविधियाँ बंद कर दी गई हैं।
बैंक के ग्राहकों के साथ अब क्या होगा?
केंद्रीय बैंक के आदेश के अनुसार, जमाकर्ताओं को उनकी पूंजी वापस मिलेगी। लेकिन जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC Update) के तहत सिर्फ पांच लाख रुपये तक की राशि के लिए ही अनुदान उपलब्ध होगा। बैंक के लगभग 87 प्रतिशत जमाकर्ताओं को उनके जमा की पूरी राशि मिलेगी। DICGC ने 14 जून, 2024 तक कुल बीमित राशि में से 230.99 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है।
आरबीआई ने इन कामों पर रोक के आदेश जारी किए
आरबीआई बताता है कि इस बैंक के लिए अब कमाई की कोई संभावना नहीं है। वर्तमान स्थिति में बैंक न तो जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान कर पाएगा और न ही अन्य वित्तीय कार्य करने में सक्षम है। यदि बैंकों को अपना काम जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो इससे ग्राहकों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। आरबीआई के आदेश के बाद अब बैंक न तो जमा स्वीकार पाएगा और न ही किसी को ऋण दे पाएगा। कुछ समय पहले ही केंद्रीय बैंक ने एक और बैंक का लाइसेंस रद्द किया था।
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