सिबिल स्कोर की शोर कुछ ऐसी होती है कि उसकी लहर हर कोने तक पहुंच जाती है। अर्थात, आपके सिबिल स्कोर की नकारात्मक रैंकिंग हर बैंक और फाइनेंस एजेंसियों के पास पहुंच जाती है। चलिए इसके बारे में और विस्तार से जानते हैं।
लोन की अवैतनिकता से आपका सिबिल स्कोर प्रभावित होता है। जैसे किसी बच्चे का परीक्षा में परिणाम प्रभावित होता है अगर वह समय पर पेपर नहीं देता। बाद में, उसे अच्छे कॉलेज में एडमिशन नहीं मिलता। लोन की अवैतनिकता भी आपके भविष्य को प्रभावित करती है। इससे आपका सिबिल स्कोर गिर सकता है और आपको उचित ब्याज दर पर लोन नहीं मिल सकता।
क्या सिबिल स्कोर जीवन के लिए स्थायी रूप से प्रभावित होता है? क्या उसमें सुधार की संभावना होती है? यदि ऐसा हो, तो लोग शायद कभी लोन की अवैतनिकता नहीं करेंगे। जरूर कुछ उम्मीदें होंगी जो आगे की दिशा में मदद करें और वित्तीय समस्याओं का समाधान करें।
इस उदाहरण से समझें
सिबिल स्कोर का अर्थ समझने के लिए एक सामान्य उदाहरण देखें। मान लीजिए, आपने घर बनाने के लिए बैंक से ऋण लिया। आप पहले-पहले किश्तें समय पर भरते रहते थे, लेकिन फिर एक अनायास हो गया और आपका व्यवसाय बंद हो गया। इस मुश्किल समय में किश्त भरने के सिवाय, आपके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। जब किश्तें बंद हो गईं, तो बैंक ने आपको डिफॉल्टर्स की सूची में डाल दिया।
बाद में आर्थिक स्थिति सुधारी और आपने किश्त के शेष राशि और उस पर प्राप्त ब्याज को भी बैंक में चुका दिया। इससे आपको यह विचार होगा कि जो सिबिल स्कोर बिगड़ गया था, उसकी सुधार हो जाएगी। आपने आशा बनाए रखी, लेकिन विशेषज्ञों ने बताया है कि अधिकतम दो साल के लिए सिबिल स्कोर को सुधारने में लग सकते हैं। किश्त का अवधि चुका दें या उसका ब्याज भी दें, लेकिन सिबिल स्कोर कम से कम दो साल तक सुधार नहीं पाता है, जिससे अनेक वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
सिबिल स्कोर की गड़बड़ी छिपती नहीं है
सिबिल स्कोर की आँधी होती है, जो हर कोने तक फैल जाती है। इसका मतलब है कि आपके सिबिल स्कोर की नकारात्मक रैंकिंग हर बैंक और वित्तीय एजेंसियों के पास पहुंच जाती है। अगली बार जब आप लोन के लिए बैंक या कार लोन के लिए वित्तीय कंपनियों के पास जाएंगे, तो वे तुरंत आपके नकारात्मक स्कोर को पहचान लेंगे। इस स्थिति में, आपको लोन नहीं मिलेगा या अगर मिला भी तो ब्याज दर बढ़ाकर वसूली जाएगी। इससे आपको सिबिल स्कोर की महत्ता का पता चलता है।
कैसे सुधरता है CIBIL Score
आपके लेन-देन और क्रेडिट कार्ड के बिलों के समय पर भुगतान करने से सिबिल स्कोर में सकारात्मकता या पॉजिटिविटी आती है। बिलों के पेमेंट में कोई देरी नहीं करें, समय पर बिल चुकाएं और पूरा चुकाएं। क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल चुकाएं, न कि मिनिमम ड्यू अमाउंट। इससे सिबिल स्कोर सुधरता है। बहुत से लोग लोन की किश्तें समय पर भर देते हैं, लेकिन फिर भी बैंक से एनओसी नहीं लेते, जिससे सिबिल स्कोर नकारात्मक हो जाता है। बैंक से तुरंत एनओसी लेना चाहिए ताकि सिबिल पर आपका डेटा अपडेट हो सके। क्रेडिट कार्ड बंद करते समय भी, बैंक से पूरी कागजी कार्यवाही करें और कार्ड बंद करने का प्रमाण पत्र बैंक से जरूर लें। इन सभी कदमों से सिबिल स्कोर में सुधार होता है।