Gold Rate Will Increase: सोने की कीमतें दिन-प्रतिदिन आसमान छूती नजर आ रही हैं। इस वक्त सोने की खरीदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोने की कीमतों में पिछले काफी समय से उतार-चढ़ाव जारी है। हम इस खबर के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं कि सोना और कितना महंगा हो सकता है। जानिए खबर में पूरी जानकारी...
आगामी समय में सोने की कीमत फिर से बढ़ सकती है। इसका कारण अमेरिका है। आपको लग सकता है कि अमेरिका का सोने से क्या संबंध है? लेकिन हाँ, है। पहले हम सोने की वर्तमान कीमत पर बात करें। इस साल मार्च से सोने की कीमत तेजी से बढ़ रही है। मार्च में सोने की कीमत में 8 फीसदी से अधिक वृद्धि हुई। अप्रैल में 4 फीसदी से अधिक और मई में अब तक 5 फीसदी से अधिक वृद्धि हो चुकी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, आगामी समय में सोना महंगा हो सकता है।
सबसे पहले जानिए कि फेडरल रिजर्व क्या है
फेडरल रिजर्व अमेरिका का मुख्य बैंक है, जिस तरह हमारे यहाँ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) है। RBI हमारे यहाँ ब्याज दरों में परिवर्तन करता है, ठीक उसी तरह फेडरल रिजर्व अमेरिकी बैंकों की ब्याज दरों में परिवर्तन करता है। यह परिवर्तन विश्व अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डालता है, क्योंकि लगभग सभी देशों में कारोबार अमेरिकी डॉलर में होता है। साथ ही, कई देश अपनी अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए अमेरिका से कर्ज लेते हैं। फेडरल रिजर्व को फेड रिजर्व बैंक भी कहा जाता है।
फेड रिजर्व की ब्याज दरें कम हो सकती हैं
जब फेड रिजर्व ब्याज दरें कम करता है, तो इसका असर हमारे यहां स्टॉक मार्केट और सोने की कीमत पर पड़ता है। वर्तमान में फेड रिजर्व ने अपनी ब्याज दरें स्थिर रखी हैं, जो 5.25 से 5.20 फीसदी के बीच हैं। ये ब्याज दरें 23 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर हैं। हाल ही में फेड रिजर्व की हुई बैठक में इन दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। यही कारण है कि अब उम्मीद है कि फेड रिजर्व एक बार फिर से बैठक करेगा, जिसमें ब्याज दरें कम किए जा सकते हैं। अगर ब्याज दरें कम होती हैं, तो इससे भारतीय शेयर मार्केट में उछाल आ सकता है और सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं।
फेड रिजर्व और सोने के बीच क्या संबंध है?
सोने को दुनिया की मुद्रा के रूप में देखा जाता है। विश्व के लगभग सभी देश अपने भंडार सोने को रखते हैं। सोने की कीमत वैश्विक स्तर पर प्रभावित होती है। अगर फेड रिजर्व ब्याज दरें कम करता है, तो सोने की मांग बढ़ेगी और यह दुनिया भर में प्रभावित होगा। भारत में भी सोने की मांग बढ़ेगी और जब मांग बढ़ेगी, तो कीमतें भी बढ़ेंगी। यह पहले भी देखा गया है। फेड रिजर्व ने 2018 में ब्याज दरें कम की थी, जिसके बाद 24 महीने तक सोने की कीमत में 50 फीसदी तक की तेजी आई थी।
इसी बढ़ती हुई सोने की कीमत की एक वजह भी यह है
अमेरिका और यूरोपीय संघ पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। दुनिया के देशों को चिंता है कि उनकी मुद्रा में गिरावट आ सकती है। ऐसे में, ये लोग सोना खरीद रहे हैं क्योंकि वैश्विक मुद्रा होने के कारण इसे व्यापार करना आर्थिक दृष्टि से सरल माना जाता है। हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया कि भारत और चीन समेत कई देशों ने काफी मात्रा में सोना खरीदा है। इस खरीदारी के कारण भी सोने की कीमत बढ़ी है। अगर फेड रिजर्व ब्याज दरों में कमी करेगा, तो सोने में और ज्यादा खरीदारी होगी, जिससे सोने की कीमत में और बढ़ोतरी होगी।