लोकसभा चुनाव को देखते हुए, गाजीपुर के मुहम्मदाबाद क्षेत्र के बच्छलपुर-रामपुर पीपा पुल के क्षतिग्रस्त एप्रोच की मरम्मत का काम तेजी से कराया जा रहा है। पुल का एप्रोच पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के कारण वाहनों को उस पर चढ़ाने-उतारने में हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता था। इस पुल के रास्ते पर वाहन फंसने की समस्या आम बात थी। चूंकि बलिया लोकसभा क्षेत्र गंगा पार के गांवों तक फैला है, इसलिए चुनाव के दौरान यह पुल आवागमन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।
मुहम्मदाबाद तहसील से जमानियां, सेवराई तहसील के गांवों और सीमावर्ती बिहार के गांवों तक लोगों को करीब 40 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। इन गांवों तक आसान आवागमन के लिए लगभग दो दशक पहले शासन की ओर से बच्छलपुर-रामपुर गंगा तट पर पीपा पुल का निर्माण कराया गया था। पीपा पुल के गंगा पार रामपुर सिरे की ओर लोगों को काफी रेत में होकर आवागमन करना पड़ता है। वाहनों के लिए सुगम आवागमन के लिए पीपा पुल के दोनों ओर एप्रोच पर लोहे की प्लेट बिछाकर रास्ता बनाया गया है।
लोकसभा चुनाव के नामांकन आदि कार्यों के शुरू होने के साथ ही प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों का प्रचार-प्रसार भी जोरों पर है। बलिया लोकसभा क्षेत्र गंगा पार के रेवतीपुर और आसपास के गांवों तक फैला हुआ है, इसलिए नेता और कार्यकर्ताओं को प्रचार के लिए पुल से होकर आना-जाना पड़ रहा है। चुनाव में लगे अधिकारी भी मतदान केंद्रों की व्यवस्था देखने या अन्य चुनाव संबंधी कार्यों के लिए पीपा पुल से होकर आवागमन कर रहे हैं।
अगर पुल से आवागमन प्रभावित हुआ तो नेताओं और उनके समर्थकों को गंगा पार के मतदाताओं तक पहुंचने के लिए लगभग 40 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी। इसलिए विभागीय अधिकारी पुल को दुरुस्त बनाए रखने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हैं।
पुल के एप्रोच की मरम्मत के लिए बाहर से मिट्टी लाकर वहां गिराई जा रही है ताकि इसे आवागमन योग्य बनाया जा सके। कार्यदायी संस्था के कर्मी जीतन प्रसाद ने बताया कि तेज हवा के कारण एप्रोच के पास की रेत उड़ जाती है, जिससे यह क्षतिग्रस्त हो जाता है। अब यहां मिट्टी गिराकर एप्रोच की मरम्मत कर इसे आवागमन योग्य बनाया जा रहा है।